पहाड़ों की रानी मसूरी पर कुदरत मेहरबान है।
इस बार पहाड़ों की रानी मसूरी पर कुदरत मेहरबान है। सात साल में यह पहला मौका है जब मसूरी में जनवरी में तीन बार हिमपात हो चुका है। अभी जनवरी के तीन सप्ताह ही बीते हैं, उम्मीद जताई जा रही है कि अभी मसूरी पर मौसम की मेहरबानी जारी रहेगी।
देहरादून स्थित राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि वर्ष 2013 की जनवरी में यहां तीन बार बर्फबारी हुई। उसके बाद यह क्रम एक या दो बार ही रहा, जबकि वर्ष 2015 और 2017 में यहां हिमपात नहीं हुआ था। उन्होंने बताया कि मौसम में आया यह बदलाव एक अच्छा संकेत है। बिक्रम सिंह के अनुसार लंबे समय बाद पश्चिमी विक्षोभ के अति सक्रिय होने के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में प्रचुर मात्रा में पानी वाले बादल विकसित हुए, जिन पर शीत हवाओं केदबाव के कारण भारी बर्फबारी की संभावना बनी। आम तौर पर बादलों में कम पानी होने से पूरे सीजन में 2500 मीटर से कम ऊंचाई की पहाडिय़ों पर बर्फबारी नहीं हो पाती। पिछले कुछ वर्षों में यह देखने को मिला है कि उच्च हिमालयी चोटियों पर तो अच्छी बर्फबारी हुई, लेकिन मसूरी, नैनीताल जैसे निचली पहाड़ियां वंचित रहीं।
प्रदेश में बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जारी
उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जारी है। सोमवार रात से शुरू हुई बारिश मंगलवार सुबह तक जारी रही। इस दौरान बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री-यमुनोत्री के साथ ही रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी व पिथौरागढ़ के ऊंचाई वाले इलाकों में जोरदार बर्फबारी भी हुई। ताजा बर्फबारी के बाद प्रदेश में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे समेत 15 सड़कें बंद हैं। मौसम के इस मिजाज से पूरा प्रदेश शीतलहर की चपेट में है। कुमाऊं के मुक्तेश्वर में तापमान शून्य से नीचे बना हुआ है तो चमोली के जोशीमठ और मसूरी में यह शून्य के करीब है। सर्द हवाएं लोगों को बेचैन कर रही हैं।