बंसत पंचमी पर गंगा में श्ऱद्धालुओं ने लगाई आस्था की डूबकी

ऋषिकेश। देवभूमि उत्तराखंड में भी बसंत पंचमी की धूम मची हुई है। साथ ही धर्मनगरी हरिद्वार व तीर्थनगरी ़ऋषिकेश में बसंत पंचमी के पावन पर्व पर गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ीं वहीं गंगा घाटों पर श्रद्धालु स्नान कर मां सरस्वती की अराधना दिखे। इस दिन का हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए खास महत्व है। पर्व में लोग मां सरस्वती की सच्चे मन से उपासना करते हैं.हिन्दू धर्म में बसंत पंचमी का खास महत्व है। बताया जा रहा है कि इस साल इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है, क्योंकि बसंत पंचमी के साथ कई अन्य शुभ योग भी बन रहे हैं। जिसको लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। माना जाता है कि इस अवसर पर गंगा स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इसलिए इस पर्व में गंगा स्नान का खास महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि माघ मास की पंचमी तिथि को मां सरस्वती धरती पर अवतरित हुई थीं और मां सरस्वती भी गंगा का स्वरुप मानी जाती हैं। इस दिन यागोपवित धारण करवाना, विद्या आरंभ करवाना, गंगा में स्नान करने के बाद देवताओं का पूजन करना काफी फलदायी माना जाता है। यही नहीं गंगा के सानिध्य और गंगा का आचमन करने से अकाल मृत्यु नहीं होती है और सभी व्याधियों का विनाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में भी इस बात का उल्लेख है। माना जाता है कि गंगा में स्नान करने से सौ पुण्यों का लाभ मिलता है. वहीं तीर्थ पुरोहित उज्जवल पंडित का कहना है कि मां सरस्वती जोकि विद्या की देवी कही जाती हैं, यह त्योहार उनकी पूजा-अर्चना का त्योहार है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है। आज के दिन स्त्री और पुरुष पीले वस्त्र पहनकर इस त्योहार को मनाते हैं। साथ ही मां सरस्वती को पीले चावलों का भोग भी लगाते हैं। इस बार बसंत पंचमी का पर्व 2 दिन पड़ रहा है, इसमें कोई भ्रम की स्थिति नहीं है। 29 तारीख को बसंत पंचमी 10.30 से प्रारंभ होकर 30 तारीख 1.00 बजे तक रहेगी. श्रद्धालु अपनी इच्छा अनुसार इस त्योहार को किसी भी दिन मना सकते हैं।