पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में प्रदर्शन जारी 22 मार्च को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे कर्मचारी

 

आरक्षण के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान
पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में प्रदर्शन जारी
22 मार्च को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे कर्मचारी
सरकारी दफ्तरों में पसरा है सन्नाटा
देहरादून। उत्तराखंड जनरल ओबीसी कर्मचारियों का पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में प्रदेशव्यापी प्रदर्शन जारी है। होली की छुट्टी के बाद भी सभी सरकारी कार्यालयों में सन्नाटा पसरा हुआ है। लोगों को उम्मीद थी कि होली के बाद कर्मचारी अपने काम पर लौट आयेंगे। लेकिन जनरल ओबीसी कर्मचारियों की माने तो वह अब एक भी कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं हैं। वहीं अब संगठन ने आरक्षण के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान किया है। बुधवार को सचिवालय रोड स्थित एक निजी हॉल में आयोजित विरोध प्रदर्शन में तमाम जनरल ओबीसी के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश दिखाया। साथ ही चरणबध्द आंदोलन का ऐलन करते हुए जानकारी दी गई कि 12 मार्च को सभी जिला मुख्यालयों में मशाल जुलूस निकाला जाएगा। 14 मार्च को सभी कर्मचारियों और लोगों के बीच जागरूकता अभियान और 15 मार्च को सभी जिला मुख्यालय में बाइक रैली निकाली जाएगी। 17 मार्च को परिवार समेत देहरादून में धरना देंगे कर्मचारी साथ ही 22 मार्च को मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा। इस मौके पर संगठन के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कर्मचारियों में जोश भरते हुए अपनी लड़ाई लड़ने को कहा। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ दायर की गयी पीआईएल में कोई दमख़म नहीं है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वह जल्द ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करवाये। जोशी ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे हमे चाहे तो जेल भरे या फिर बर्खास्त करें पर कुछ करे तो सही। इस मौके पर तमाम वक्ताओं ने अपनी-अपनी बात रखी।
बॉक्स
जनरल-ओबीसी की अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर सूबे के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहली बार कोई बड़ा बयान दिया है उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब एक महामारी (करोना वाइरस) का संकट सिर पर मंडरा रहा है। तो ऐसे समय में कर्मचारियों को आपातकालीन सेवाएं बाधित नहीं करनी चाहिए। जिस काम के लिए उन्हें तनख्वा मिल रही है वह काम कर्मचारियों को करना चाहिए।