सुन लो सरकार धरना स्थल के हैं बुरे हाल सरकार की मंशा पर कई सवाल उठाये संगठनों ने


देहरादून। वन आरक्षी भर्ती में अनियमितताओं को लेकर चला आ रहा अभ्यर्थियों का आंदोलन अपने चरम पर है। धरना स्थल परेड ग्राउंड से शिफ्ट होने के बाद प्रदर्शन स्थल अधोईवाला में बनाया गया है। लेकिन नए धरना स्थल के हाल बेहाल हैं। ऐसे में शायद ही कोई आंदोलनकारी धरने पर वहां बैठेगा। इस बाबत जब शाह टाइम्स की टीम ने पड़ताल की तो यह बात सामने आई कि अभी धरना स्थल पूरी तरह से तैयार नहीं है और उस पर अभी भी कार्य चल रहा है। ऐसे में सरकार की मंशा पर कई सवाल उठते हैं कि आधी अधूरी तैयारियों के बिना ही धरना स्थल आखिर शिफ्ट क्यों किया गया। वहीं इस समय बेरोजगार अभ्यर्थी नये धरने स्थल पर मौजूद हैं। बारिश आने पर हाल ऐसा है कि सभी आंदोलनकारी सिर्फ खड़े रहने पर मजबूर हैं। मैदान की ढलान ऐसी है कि कोई भी संगठन अपना टेंट लगाने से पहले कई बार सोचेंगे। वहीं आसपास किसी भी तरह की सुविधाएं मौजूद नहीं हैं। न तो खाने पीने की व्यवस्था है और न ही धरना स्थल तक पहुंचने के लिए उचित साधनों की व्यवस्था। धरना स्थल से एक गंदा नाला लगा हुआ है। जो गर्मियों के मौसम में किसी भी आंदोलनकारी को बीमार कर सकता है। साथ ही इस वक्त बदलते मौसम में तमाम बीमारियां उत्पन्न होती हैं ऐसे में आंदोलनकारियों की फरियाद को भगवान ही सुनें।
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वहीं दूसरी ओर धरना प्रदर्शन स्थल से शिफ्ट किए जाने को लेकर तमाम संगठनों ने अपना विरोध जताया है। गुरुवार को कचहरी स्थित शहीद स्मारक में गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान, उत्तराखंड क्रांति दल, पीपुल्स फोरम, सीएए और एनआरसी विरोधी और उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार मंच से जुड़े तमाम आंदोलनकारियों ने पुरजोर तरीके से धरना स्थल शिफ्ट किए जाने का विरोध किया। साथ ही उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में धरना स्थल शिफ्ट किए जाने के विरोध में एक जनहित याचिका दायर की जाएगी। इस मौके पर इंद्रेश मैखुरी , दौलत कुँवर , हिमांशु चौहान , प्रमिला रावत संचालन किया , मनोज ध्यानी, उषा नेगी , त्रिलोचन भट्ट , रजिया बेग , नजमा खान , फातिमा रईस , प्रदीप कुकरेती , मदन भंडारी , लताफ़त हुसेन ,विजय बौड़ाई, एपी जुयाल , सरदार खान , डी ए वी के पूर्व महासचिव सचिन थपलियाल, रविन्द्र प्रधान आदि मौजूद रहे।