अफवाहों का बाजार गर्म है, खरीदार सावधान रहें

अफवाहों का बाजार गर्म है, खरीदार सावधान रहें
देहरादून। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए भारत पूरी जी जान से जुटा है। दुनिया भारत की ओर से युद्ध स्तर पर की गई तैयारियों की मिसाल दे रही है। जहां 137 करोड़ की आबादी में भी जनता कर्फ्यू सफल होता हो। वहीं ऐसे देश के अंदर भी एक और देश बसता है। जो कि इंटरनेट की तरंगों में अपना स्थाई निवास बनाए बैठा है। जिसका कारोबार इतना फैला है कि देश विदेश के कोने कोने तक इसके परमानेंट ग्राहक मौजूद हैंं। जिसकी पहुंच बड़े से बड़े नेताओं से भी ऊपर तक है। लोकप्रियता इतनी कि डोनाल्ड ट्रंप से लेकर नरेंद्र मोदी तक सब इसकी पहुंच का फायदा उठाते हैं। अब तक तो आप समझ ही गए होंगे कि हम सोशल मीडिया की बात कर रहे हैं। जो आज के युग में सूचना क्रांति का सबसे बड़ा उदाहरण है। इस दुनियां के समुंदर में कई नदियां शामिल हैं। जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और यूट्यूब आदि। इन नदियों का सूचना रूपी पानी अपने उद्गम स्थल से बहती हुई सागर में मिलने तक काफी खारा हो जाता है। अब वह पानी तो है लेकिन पीने योग्य है या नहीं इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल है। क्योंकि अब तक ऐसे पानी को फिल्टर करने के लिए कोई भी मशीन नहीं लगाई गई है। हां जरूर कुछ नदियों में गिरने वाले नालों को बंद कर दिया जाता है। लेकिन गाहे-बगाहे यह नाले रिस-रिस कर नदियों को गंदा कर ही देती हैं। जो कि हमारे सामाजिक पर्यावरण के लिए बहुत ही घातक साबित होते हैं। हाल ही में दिल्ली में यमुना का पानी गंदा होते हुए देखा है हमने। स्वच्छ यमुनोत्री से बहती हुई यमुना को भले ही जिस किसी ने भी गंदा किया हो। लेकिन अंत में बदनाम यमुनोत्री ही होगी।
भारत के सामने इस समय सबसे बड़ी चुनौती है कोरोनावायरस से संबंधित तमाम सटीक जानकारियां अपने नागरिकों तक पहुंचाना। साथ ही नागरिकों की भी जिम्मेदारी है कि गलत जानकारियों को फैलाने से बचें। हमें ध्यान में रखना होगा कि यह अफवाहों का बाजार है। यहां दुकानें सजी हैं तरह-तरह के पकवानों से। कोई दुकानदार पैक करके अपना सामान बेच रहा है। वहीं कोई खुलेआम ठेले और रेडी पर अपना सामान बेच रहा है। ऐसे में एक जागरूक ग्राहक बनते हुए हमें प्रोडक्ट पर आईएसआई हॉलमार्क और प्रोडक्ट का सही ब्रांड पता करके ही सामान खरीदना होगा। मिसाल के तौर पर अगर आप कोई जूसर खरीद कर ले आते हो और फिर पता लगता है कि यह किसी फर्जी कंपनी का जूसर है। तो ऐसे में ध्यान रहे कि ना तो उस जूसर को किसी शादी में गिफ्ट दें। और ना ही किसी रिश्तेदारों को जूस पिलाएं।समझदारी इसी बात में है कि वापस उस दुकानदार से खरीददारी करना बंद कर दें। हमें एडिडास और एबीबास में फर्क करना सीखना होगा।
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.. तो हो सकती है जेल
अगर कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया पर ऐसी जानकारी शेयर या पोस्ट करता हो जिससे लोगों में भय फैले या किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे या फिर दंगा भड़के। तो आईटी एक्ट के तहत ऐसे व्यक्तियों पर कार्यवाही की जाती है और उस व्यक्ति को जेल भी हो सकती है। इस कैटेगरी में झूठी जानकारी को भी प्रेषित करना शामिल है।
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डॉट मंदिर में आग लगने की अफवाह
सोशल मीडिया से लेकर लोगों की जुबान तक देहरादून के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक डाट काली मंदिर में आग लगने की सूचना तैरने लगी। सोमवार को सुबह डाट काली मंदिर में आग लगने की खबर लोगों में तेजी से फैलने लगी। लोग इसे झंडा जी के टूटने से जोड़ते हुए तरह-तरह की बातें बनाने लगे। जब हमारे संवाददाता इस खबर की पुष्टि के लिए मंदिर का मुआयना करने गए तो यह सारी खबरें फर्जी निकली। फिलहाल लॉक डाउन के चलते मंदिर और तमाम धार्मिक स्थल बंद किए गए हैं।