उत्तराखंड में स्कूल-कॉलेजों को खोलने से फ़ट सकता है कोरोना बम : एनएपीएसआर
संदीप ढौंडियाल
देहरादून। उत्तराखंड मे स्कूल खोले जाने के सम्बन्ध मे नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (एनएपीएसआर) की ओर से मुख्यमंत्री उत्तराखंड, शिक्षामंत्री उत्तराखंड, महिला एवं बालविकास मंत्री उत्तराखंड, एवं जिलाधिकारी को एक पत्र प्रेषित किया गया है। शनिवार को केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों मे स्कूल खोलने की परमिशन दी जा चुकी है। जिस के जुलाई माह मे खुलने के पूरे आसार हैं। इस पर बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एनएपीएसआर ने अभिभावकों की ओर से पक्ष रखते हुए पत्र लिख कर स्पष्ट कर दिया है कि सरकार जब तक बच्चों की सुरक्षा की गारंटी नही देती या कोरोना वैक्सीन नही बन जाती तब तक कोई भी अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नही भेजेंगे। एसोसिएशन के अध्यक्ष आरिफ खान ने कहा कि जिस प्रकार से केंद्र सरकार ने सभी राज्यों मे स्कूलों को खोले जाने के सम्बन्ध मे छूट दे दी है। इसको लेकर उत्तराखंड की जनता मे चिन्ताओं और विरोध का दौर शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड मे बढ़ते कोरोना केस को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर एडवाइजरी जारी की है। लेकिन छोटे बच्चे न तो सोशल डिस्टेंसिंग समझते हैं और न ही स्कूल मे परिजन जा सकते हैं। खान ने कहा कि प्रत्येक बच्चे की निगरानी कर पाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि एक क्लॉस के हर एक सेक्शन मे पैंतीस से चालीस बच्चे भरे होते हैं। साथ ही स्कूल खुलने से सभी नियमों की धज्जियां उड़ेंगी। उन्होंने कहा कि टू व्हीलर पर दो नही जा सकते और चार पहिया वाहन मे भी 03 से ज्यादा सवारी नही जा सकती। ऐसे में अभिभावकों का अपने बच्चों को स्कूल छोड़ना या भेजना नामुनकिन हो जाएगा। साथ ही स्कूलों या निजी वैन संचालकों की ओर से अभिभावकों से मनमाना किराया वसूला जाएगा। आरिफ खान ने सवाल उठाते हुए कहा कि स्कूल बसों और निजी वाहनों के सेनिताइजेशन की जिम्मेदारी किसकी होगी ये अभी तक तय नही हो पाया है। साथ ही जिन स्कूलों को कोरेनटाईन सेंटर बनाया गया है उसमे स्कूल खुलने के बाद बच्चों को भेजना खतरे से खाली नही होगा। उन्होंने कहा कि अभी भी निजी स्कूल पूरी तरह से बन्द नही हुए हैं। ऐसे मे बच्चों में संक्रमण को लेकर भय बना रहेगा।
“हमारी जमा पूंजी हमारे बच्चे ही हैं और यदि वो ही सुरक्षित नही रहेंगे तो हमारा सारा जीवन ही बेकार है। हम अपने बच्चों को अशिक्षित रखने को तैयार हैं असुरक्षित नही।”
आरिफ खान, अध्यक्ष एनएपीएसआर