देश को मिले 333 जांबाज, उत्तराखंड से 31 बने सैन्य अफसर
मित्र देशों के 90 केडेट्स भी हुए पास आउट
देहरादून। शनिवार को आईएमए की पासिंग आउट परेड में 423 जेंटलमैन कैडेट्स अफसर बन गए। इनमें 333 भारतीय कैडेट्स और मित्र देशों के 90 कैडेट्स अफसर बने। आईएमए की पासिंग आउट परेड में इस बार उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा 66 कैडेट्स अफसर बने हैं। उत्तराखंड से इस बार 31 कैडेट्स सेना में अफसर बने। दूसरे नंबर पर 39 कैडेट्स के साथ हरियाणा रहा। शनिवार को हुई पासिंग आउट परेड के दौरान दर्शक दीर्घा पूरी तरह से खाली रही। इस दौरान लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए परिजनों ने अपने बच्चों की परेड घर बैठे देखी। इस बार पासिंग आउट परेड से मित्र देशों को भी 90 अधिकारी मिले। अफगानिस्तान के 48, भूटान के 13, फिजी के 2, मालदीव के 3, मॉरीशस के 3, नेपाल से 3, पापुआ न्यू गिनी का 1, श्रीलंका का 1, वियतनाम का 1 और तजाकिस्तान के 18 कैडेट्स अफसर बने। इस बार भारतीय सेना को 333 जांबाज अधिकारी मिले। उत्तर प्रदेश से 66, हरियाणा से 39, उत्तराखंड से 31, बिहार से 31, पंजाब से 25, महाराष्ट्र से 18, हिमाचल प्रदेश से 14, जम्मू कश्मीर से 14, राजस्थान से 13, मध्य प्रदेश से 13, केरल से 8, गुजरात से 8, दिल्ली से 7, कर्नाटक से 7, पश्चिम बंगाल से 6, आंध्र प्रदेश से 4, छत्तीसगढ़ से 4, झारखंड से 4, मणिपुर से 4, चंडीगढ़ से 3, असम से 2, उड़ीसा से 2, तमिलनाडु से 2, तेलंगाना से 2, मेघालय, मिजोरम और लद्दाख से एक-एक कैडेट पास आउट होकर सेना में अफसर बन गए हैं। बता दें कि, 1 अक्टूबर 1932 में 40 कैडेट्स के साथ आईएमए की स्थापना हुई और 1934 में इंडियन मिलिट्री एकेडमी से पहला बैच पासआउट हुआ था। 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के नायक रहे भारतीय सेना के पहले फील्ड मार्शल जनरल सैम मानेकशॉ भी इसी एकेडमी के छात्र रह चुके हैं। इंडियन मिलिट्री एकेडमी से देश-विदेश की सेनाओं को 62 हजार 139 युवा अफसर मिल चुके हैं। इनमें मित्र देशों के 2,413 युवा अफसर भी शामिल हैं। आईएमए में हर साल जून और दिसंबर में पासिंग आउट परेड का आयोजन किया जाता है। इस परेड के दौरान अंतिम पग पार करते ही कैडेट्स सेना में अधिकारी बन जाते हैं।
सेना प्रमुख नरवणे ने ली परेड की सलामी
देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी स्थित भारतीय सैन्य अकादमी में शनिवार को पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया। शनिवार को देश को 333 जांबाज मिले। इस दौरान सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने जेंटलमैन कैडेट से अफसर बने जांबाजों को देश सेवा का संकल्प दिया। सेना प्रमुख ने सभी जांबाजों को शुभकामनाएं दीं।
सेना अध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे ने पासिंग आउट परेड के दौरान जेंटलमैन कैडेट की टुकड़ी का निरीक्षण किया और रिव्यूइंग ऑफिसर की सलामी ली। सेना प्रमुख ने सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार पाने वाले कैडेट्स को शुभकामनाएं दीं। सभी कैडेट्स को देश सेवा का मूल मंत्र दिया।सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने कहा कि सेना देश के लिए और देश के साथ है. देशवासियों की सुरक्षा का संकल्प ही सेना का परम कर्तव्य है। सेना प्रमुख ने जेंटलमैन कैडेट्स को बताया कि उनके काम में कई चुनौतियां हैं, जिसको उन्हें पार करना है। उनकी जिम्मेदारी अपनी सुरक्षा के साथ अपनी टोली की सुरक्षा की भी है। देश की सुरक्षा की एक बड़ी जिम्मेदारी आपके कंधों पर होगी और उसके लिए आप पूरी तरह तैयार हैं।
मुंह पर मास्क पहनकर की परेड
देहरादून। इस बार 333 भारतीय और 90 विदेशी कैडेट आईएमए से प्रशिक्षण पूरा कर भारतीय सेना और विदेशी कैडेट अपने देशों की कमान संभालने को तैयार हो गए हैं। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते ऐसा पहली बार है जब कैडेट बिना अपने माता-पिता और रिश्तेदारों के अंतिम पग भरा। परेड भी कैडेट मुंह पर मास्क पहनकर कर रहे हैं। पहली बार ऐसा हुआ कि आईएमए की पासिंग आउट परेड (पीओपी) के दौरान ड्रिल स्क्वायर पर सीना चैड़ा किए कदमताल करके अपने बेटे को देखने और उसके कंधों पर पीप्स (सितारे) सजाने की माता-पिता की इच्छा पूरी नहीं हुई। बता दें कि कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार पीओपी में आईएमए की ओर से किसी भी कैडेट्स के परिजनों को बुलावा नहीं भेजा गया है।
बाक्सः-
यह बने सर्वश्रेष्ठ
– स्वार्ड आफ आनर-आकाशदीप सिंह ढिल्लो
– स्वर्ण-शिवकुमार सिंह चैहान
– सिल्वर-सक्षण राणा
– ब्रांज-सूरज सिंह
– टीजी सिल्वर-भरत योगेंद्र
– सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट-डोनवान सोन वियतनाम