एसजेवीएन ने अब तक का सर्वाधिक विद्युत उत्पादन दर्ज कर बनाया रिकार्ड

देहरादून। एसजेवीएन लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2019 – 20 में अब तक का सर्वाधिक सालाना विद्युत उत्पादन दर्ज किया है। इसके साथ ही 651.89 करोड रुपए कर उपरांत लाभ भी दर्ज किया है। जो कि वित्तीय वर्ष 2018 – 19 के 1364.29 करोड रुपए से 21 प्रतिशत ज्यादा है। सोमवार को एसजेवीएन की बोर्ड मीटिंग में वित्तीय वर्ष 2019-20 के वित्तीय परिणामों की घोषणा की गयी। इस मौके पर एसजेवीएन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने कहा कि कंपनी ने वर्ष 1988 में एक एकल जल विद्युत परियोजना से अपनी शुरुआत की थी। उन्होंने बताया कि आज एसजेवीएन के पास 7489.2 मेगावाट का पोर्टफोलियो है। जिसमें से 2015.2 मेगावाट अंडर ऑपरेशन और 2880 मेगावाट निर्माणाधीन है। 482 मेगा वाट निर्माण पूर्व और निवेश मंजूरी के अधीन है। साथ ही 2112 मेगावाट सर्वेक्षण और अन्वेषण आधीनावस्था में है। शर्मा ने कहा कि जल विद्युत जीवन का मुख्य आधार है। उन्होंने कहा कि एसजेवीएन नेपाल में 900 मेगावाट, अरुण 3 जल विद्युत परियोजना, भूटान में 600 मेगावाट और उत्तराखंड में 60 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना का निर्माण कर रही है। इसके साथ ही बिहार में 1320 मेगावाट का बक्सर ताप विद्युत संयंत्र का भी निर्माण किया जा रहा है। वहीं इस मौके पर एसजेवीएन अपर महाप्रबंधक आशीष पंत ने योजनाओं के बारे में जानकारी देते बताया कि एसजेवीएन हिमाचल प्रदेश में 8 जल विद्युत परियोजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है। उन्होंने कहा कि परियोजना की कुल क्षमता 2388 मेगावाट है। पंत ने कहा कि इन परियोजनाओं के विकास में लगभग 24000 करोड रुपए का निवेश शामिल है। उन्होंने कहा एसजेवीएन भारत के साथ ही पड़ोसी देशों में विद्युत परियोजनाओं की संभाव्यता तलाश रहा है। उन्होंने बताया कि कई प्रमुख परियोजनाओं को लेकर नेपाल, अरुणाचल प्रदेश सरकार के साथ भी बातचीत चल रही है। ताकि उनके क्षेत्रों में जल विद्युत क्षमता का दोहन किया जा सके। इस मौके पर एसजेवीएन की टीम में अपना यकीन जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि एसजेवीएन सन 2023 तक 5000 मेगावाट सन 2030 तक 12000 मेगावाट और 2040 तक 25000 मेगावाट के लक्ष्य के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।