अनमोल वाशिष्ठ को श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण के महन्त श्री दुर्गादास जी ने आशीर्वाद दिया

देहरादून हरिद्वार ।। अनमोल वाशिष्ठ जी को श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण के कुम्भ प्रभारी महन्त श्री दुर्गादास जी ने बुलाकर श्री माँ गंगा जी के लिये कर रहे कार्यो की प्रशंसा करते हुए, अपना आशीर्वाद दिया। अब महंत श्री दुर्गादास जी, अनमोल वाशिष्ठ जी व अखाड़ा परिषद इस कार्य को साथ लड़ने की तैयारी कर रहा है। जल्द ही एक बहुत बड़ा आंदोलन करने की तैयारी चल रही है।
अनमोल वाशिष्ठ के पड़-दादा श्री इंद्राजसिंह वाशिष्ठ (रामचंद्र जी के) ने पं मदन मोहन मालवीय जी, देश के अनेको राजाओं-महाराजाओं व श्रीमहंत लक्ष्मणदास जी (गुरुराम दरबार साहब, देहरादून) के साथ ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था। जिसमे श्री गंगा जी को हर-की-पैड़ी पर कभी भी नहर का स्वरूप व नहर के नाम से ना पुकारने, अविरल बहने देने के लिए एवम अन्य कई महत्वपूर्ण निर्णय ब्रिटिश सरकार को घुटने टिकवाकर अविरल गंगा रक्षा समझौता-1916 किया था।

उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद हरकीपैडी पर बह रही धारा को नहर बताए जाने वाले 2016 के शासनादेश को निरस्त करने की मांग तेज हो गयी है। बीती 17 जून को अनमोल वाशिष्ठ की जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए उत्तराखंड हाई कोर्ट द्वारा उत्तराखंड सरकार को जल्द फैसला लेने के लिए निर्देशित किया गया।

हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब लोगो में उमीदों की किरण जगी है। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण के कुम्भ प्रभारी श्री दुर्गादास जी ने अनमोल वाशिष्ठ को आशीर्वाद दिया है और इस बात को उच्च स्तर पर व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की आगामी बैठक में उठाने की बात कही है। आज की चर्चा से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अखाड़ा परिषद इस पर आगामी बैठक में मना कर सकता है कि वह सकैप चैनल/ नहर में शाही स्नान नही करेगा। उत्तराखंड सरकार के इस कार्य से साधु-संत-महात्मा, तीर्थ पुरोहित, व्यापारी सभी मे रोष उभर कर सामने आ रहा है।

उत्तराखंड सरकार को जल्द से जल्द अनमोल वाशिष्ठ द्वारा भेजी गई अपनी रिप्रजेंटेशन पर आर्डर पारित करते हुए 2016 के शाशनदेश को खारिज कर देनी की मांग साधु-संत-महात्माओं, श्री गंगा सभा, तीर्थ पुरोहितों, व्यापार मंडल द्वारा अब उठाई जा रही है।

अनमोल वाशिष्ठ जी ने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, श्री गंगा सभा, व्यापार मंडल व की साधु संत महात्माओं द्वारा उनको समर्थन किया जा रहा है। जल्द ही प्रदेश सरकार को 1916 की ब्रिटिश सरकार की तरह घुटने टेकने पर मजबूर कर देंगे। सरकार को जल्द सम्पूर्ण हिन्दू समाज का विरोध झेलने के लिए तैयार रहना चाहिए।

श्री गंगा सभा के पूर्व अध्यक्ष व महामंत्री श्री रामकुमार मिश्रा जी ने बोला कि श्री माँ गंगा जी को नहर बताए जाने वाले शाशनादेश को निरस्त किये जाने की मांग उनके कार्यकाल में कई बार पत्रों के माध्यम से की है। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा भी कई बार आश्वस्त किया कि जल्द इसको निरस्त कर देंगे, परन्तु धरातल पर कोई कार्यवाही नजर नही आई। अब समाज के अनमोल द्वारा सार्थक प्रयास किया गया, जिसमें उनको जल्द ही सफलता मिलेगी।

व्यापार मंडल के अध्य्क्ष श्री राजीव पराशर जी ने सरकार से मांग करते हुए की माँ गंगा संपुर्ण जगत की पालनहार, जीवनदायिनी व जगतजननी है। विश्व भर से लोग यहां भगवती श्री गंगा जी मे आस्था रखते हुए स्नान, आरती व पितृ कर्म करने आते है। सरकार को जल्द से जल्द शाशनादेश को निरस्त कर देना चाहिए।

जगदीश अत्रि जी ने प्रदेश सरकार से मांग की कि इस पाप को जल्द से जल्द सुधार कर लेना चाहिये और माँ गंगा जी को हर-की-पैडी पर पूर्ण माँ गंगा का दर्जा ही मिलना चाहिए। श्री मां योग शक्ति दिव्य धाम आश्रम ट्रस्टी एवं कोषाध्यक्ष श्री इंद्र मोहन मिश्रा ने कहा की सरकार को या मांग जल्द से जल्द पूरी कर देनी चाहिए।

आज संतो से मिलने वालों में अनमोल वाशिष्ठ, गंगा सभा के पूर्व अध्यक्ष व महामंत्री श्री रामकुमार मिश्रा जी, कनखल श्मशान घाट रक्षा समिति के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित श्री जगदीश अत्रि जी, व्यापार मंडल के अध्य्क्ष श्री राजीव पराशर जी, संजय अत्रि, स्वामी अरुण दास जी अजय गंभीर मौजूद रहे।