आतंकियों ने भाजपा नेता, उनके पिता और भाई को गोलियों से भूना
श्रीनगर। उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा जिले में आतंकियों ने बुधवार देर शाम भाजपा के जिला अध्यक्ष शेख वसीम उर्फ वसीम बारी, उनके पिता और भाई की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद आतंकी फरार हो गए। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेरकर आतंकियों की धरपकड़ के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। देर रात तक आतंकी पकड़े नहीं गए थे लेकिन पुलिस ने भाजपा नेता की सुरक्षा में लगाए गए आठ सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ शुरू कर दी है। हमले के दौरान कोई सुरक्षाकर्मी उनके साथ नहीं था। फिलहाल, किसी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली थी। जानकारी के अनुसार, रात करीब 8रू50 बजे स्वचालित हथियारों से लैस आतंकियों का एक दल बांडीपोरा के मुस्लिमाबाद इलाके में आया। आतंकियों ने भाजपा के जिला अध्यक्ष शेख वसीम के मकान की निशानदेही की। आतंकियों ने मकान के बाहर खड़े शेख वसीम, उनके पिता बशीर शेख और भाई उमर पर अंधाधुंध गोलियों की बौछार कर दी। खून से लथपथ तीनों गंभीर रूप से घायल होकर जमीन पर गिर पड़े। तीनों को मरा समझ आतंकी वहां से भाग निकले।गोलियों की आवाज सुनकर भाजपा नेता के घर के पास ही स्थिति पुलिस चैकी और निकटवर्ती शिविरों से सेना के जवान पहुंच गए। सुरक्षाबलों ने उसी समय पूरे इलाके को चारों तरफ से घेर लिया। खून से लथपथ पड़े तीनों लोगों को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने तीनों को मृत लाया घोषित कर दिया। सूत्रों के अनुसार हमले के समय भाजपा नेता की सुरक्षा में तैनात आठ सुरक्षाकर्मी उनके घर की ऊपरी मंजिल पर बैठे थे। पुलिस ने सभी सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ शुरू कर दी है।
बीते जून महीने की शुरुआत में दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों ने कश्मीरी पंडित सरपंच अजय पंडिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस वारदात की जिम्मेदारी कश्मीर में आतंक का नया पर्याय बने जिहादी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली थी। बीते 17 वर्षों में वादी में किसी कश्मीरी पंडित की आतंकियों द्वारा हत्या की यह पहली वारदात थी। सरपंच कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे।
अजय पंडिता की हत्या की स्थानीय नेताओं ने कड़ी निंदा की थी। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, प्रदेश भाजपा प्रमुख रविंद्र रैना, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी और पूर्व कृषि मंत्री गुलाम हसन मीर ने सरपंच अजय पंडिता की हत्या को कश्मीर में लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने और आम लोगों में डर के साथ साथ उनमें नफरत पैदा करने की एक साजिश करार दिया था।
उल्लेखनीय है कि हाल के दिनों में सुरक्षा बलों की कार्रवाई से बौखलाए आतंकी जन प्रतिनिधियों को निशाना बनाने लगे हैं। वहीं सुरक्षा बलों ने आतंकियों के सफाए के लिए टॉप-12 आतंकियों की हिट लिस्ट बनाई है। हिट लिस्ट में जैश-ए-मोहम्मद के तीन, लश्कर के पांच और हिजबुल के चार आतंकी हैं। सूत्रों का कहना है कि हिट लिस्ट में जैश का ऑपरेशनल कमांडर गाजी रशीद और लंबू के अलावा हिजबुल का डॉ. सैफुल्ला और लश्कर के उस्मान व नसरुल्ला उर्फ नासिर सबसे ऊपर है। मौजूदा वक्त में वादी में करीब 170 आतंकी सक्रिय हैं। आइजीपी कश्मीर विजय कुमार की मानें तो सुरक्षाबलों पर हमलों के लिए आतंकी अब मस्जिदों का इस्तेमाल करने लगे हैं। बीते दिनों आतंकियों ने एक मस्जिद में छिपकर सुरक्षा बलों पर हमला किया था जिसमें एक नागरिक की मौत हो गई थी जबकि उसके मासूम पोते को जवानों ने जान पर खेलकर बचा लिया था। सुरक्षाबलों के ऑपरेशनों और घटते जन समर्थन से हताश आतंकी अब कश्मीर के लोगों को धमकियां दे रहे हैं कि वे गैर कश्मीरियों को मकान और जमीन ना बेचें। आतंकी संगठन तहरीक-उल-मुजाहिदीन ने बीते दिनों कश्मीर में जगह जगह धमकी भरे पोस्टर लगाए थे।