सैनिटाइजर, मास्क आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से बाहरः कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा

नई दिल्ली। कांग्रेस ने हैंड सैनिटाइजर और फेस मास्क को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से बाहर निकालने के फैसले को लेकर शुक्रवार को सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई खत्म हो गई है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, श्अगर 16 जून को हैंड सैनिटाइजर आवश्यक वस्तु था तो फिर 15 दिनों में क्या बदल गया? सरकार क्यों चाहती है कि लोगों से ज्यादा कीमत वसूली जाए? कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए जरूरी वस्तुओं के मूल्य की सीमा क्यों नहीं है?श्
सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया, श्क्या कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई खत्म हो गई है?श् गौरतलब है कि फेस माक्स और हैंड सैनिटाइजर को अब आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के दायरे से बाहर कर दिया गया है। उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि अब देश में चेहरा ढकने के मास्क और सैनिटाइजर की आपूर्ति पर्याप्त हैं, ये अब आवश्यक उत्पाद नहीं रह गए हैं। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 13 मार्च को फेस मास्क और सैनिटाइजर को 100 दिन के लिए आवश्यक वस्तु घोषित किया था। उस समय कोरोना वायरस महामारी की वजह से इन उत्पादों की मांग में जोरदार इजाफा हुआ था। इन उत्पादों की आपूर्ति बढ़ाने तथा जमाखोरी रोकने के लिए यह कदम उठाया गया।