रोडवेज कर्मचारियों पर दोहरी मार, मदद करो सरकार


संदीप ढौंडियाल
देहरादून। उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मचारी इस कोरोना काल में पूरी तत्परता के साथ मुसाफिरों को उनके गंतव्य तक बिना किसी वेतन के पहुंचा रहे हैं। मौजूदा हालातों में परिवहन निगम अपने कर्मचारियों का वेतन भी नहीं निकाल पा रहा है। ऐसे में बीते 3 महीने से निगम के किसी भी कर्मचारी को वेतन नहीं मिला है। बढ़े हुए किराए के बावजूद भी आलम यह है कि रोडवेज बसों के डीजल का खर्चा भी नहीं निकाल पा रहा है। साथ ही नयी बसे होने पर भी इस समय निगम की प्रतिदिन लगभग डेढ़ करोड़ की कमाई हो रही है। जबकि सामान्य दिनों पर औसतन प्रतिदिन दो करोड़ की कमाई होनी थी। लिहाजा इस समय पूरी तरह से निगम सरकार पर निर्भर है। फिलहाल सरकार की ओर से लगभग साढ़े 14 लाख रुपए निगम को जारी किए गए हैं। वहीं मुख्यमंत्री की ओर से आपदा राहत कोष से 15 करोड़ रुपये देने की बात कही गई थी। जिसकी फाइल अभी दफ्तरों में ही धूल फांक रही है। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में रोडवेज को लगभग 35 करोड रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है। जिसकी फाइल भी निगम की ओर से सरकार को भेजी गई है। ऐसे में अगर यह राशि जल्द ही निगम को मिल जाती है तो निगम को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। वहीं परिवहन परिषद के महामंत्री दिनेश पंत ने बताया कि लगभग 22 करोड़ रुपए सिर्फ कर्मचारियों का वेतन ही जाना है। ऐसे में कर्मचारियों पर दोहरी मार पड़ रही है। उन्होंने कहा कि एक ओर तो वेतन नहीं मिल रहा है। वहीं दूसरी ओर सोसाइटी से लोन लेकर परिवहन निगम जैसे तैसे काम चला रहा था। लेकिन सोसाइटी पर भी लगभग 20 से 22 करोड़ का बकाया देना बाकी है। जिस कारण अब सोसाइटी से भी लोन नहीं मिल रहा है। वहीं परिवहन निगम कर्मचारियों ने वेतन को लेकर सरकार से अपनी चिंता जाहिर की है।