श्री गुरु सिंह सभा देहरादून के चन्नी गुट ने प्रेस वार्ता कर राजन गुट पर शहर की सिख सांगत को गुमराह करने और बंद कमरे में चुनावी ढोंग करने के कड़े शब्दों में प्रहार किया।

देहरादून-  श्री गुरु सिंह सभा देहरादून के चन्नी गुट ने प्रेस वार्ता कर राजन गट पर शहर की सिख सांगत को गुमराह करने और बंद कमरे में चुनावी ढोंग करने कारण कड़े प्रहार किये ।
     गौरतलब हो सिंह सभा में गंभीर  विसंगतियां पाए जाने के कारण रजिस्ट्रार सोसाइटी कार्यालय ने २०१७ मैं संस्था की मानता खत्तम कर दी थी जिसका विवाद न्यायालय में विचाराधीन है ।
प्रेसस वार्ता में आरोप लगाया गया की देवेंदर सिंह मान व राजिंदर सिंह राजन के पुत्र ग़ुरबक्सः राजन ने शहर को सिख वुवाओं को कोर्ट की कार्यवाई से गुमराह करने के लिए आपसी रज़ामंदी की कार्यवाई में उलझा कर २० दिसंबर को गुरदीप टोनी के बरात घर में कूटरचित ढंग से अपने देहरादून क्लब के कुछ साथियों को झूठ बोल कर वहां बुलाय और चुनावी ढोंग किया । देवेंदर सिंह मान व ग़ुरबक्सः सिंह राजन  जिनको अकाल तखत की सिख रेहत मर्यादा का कोई ज्ञान नहीं है और जो शायद क्लब ज्यादा जाते हैं  और गुरूद्वारे कभी नहीं आते वो अपने राजनितिक रसूक हेतु श्री गुरु गोबिंद सिंह के पवित्र स्थान श्री गुरु सिंह सभा पर अपना पीढ़ी दर पीढ़ी कब्ज़ा रखना चाहते हैं , जिस को सिख समाज कभी  कामयाब नहीं होने देगा , उनके इस कुकरम से शहर में भरी रोष हे ।
२३ दिसंबर ओके शहर के युवा भरी समझया मई श्री गुरु सिंह सभा मई माथा ताकें के लिए गए थे , जिसके बाद गुरुद्वारा कार्यालय मई उनकी  बैठक  पूर्व प्रायोजित थी , गुरुद्वारा कार्यालय मई सभी का अदिकार हे क्यूंकि वह कोई समिति विद्यमान नहीं हे ।
देवेन्दर सिंह मान व ग़ुरबक्सः सिंह राजन ने गुरुद्वारा के ग्रंथि जी को हथियार बना कर उनसे सिख युवाओं पर झूठा मुक्कादमा दर्ज करवाया , जो एक बहुत ही घटिया किस्म का हत्थकंडा देवेंदर सिंह मान और राजन परिवार ने अपनाया हे । ग्रंथि शमशेर सिंह के ऊपर भी क्रॉस रिपोर्ट दर्ज करवाई गयी हे।
२७ दिसंबर से सिख सांगत ने सदस्यता अभियान शहर के सभी गुरुद्वारों में शुरू करनी थी पर राजन परिवार ने २ दिन का समय माँगा था की ग़ुरबक्सः राजन अपना पद छोड़ देंगे पर कल वो फिर से मुकर गए है ,।
काल ३१ दिसंबर से पुनः सदस्यता श्री गुरु सिंह सभा में शरुरु की जाएगी ।
देवेन्दर सिंह मैं और राजन परिवार व उनके सहयोगी कब्जाधारी परिवारों के खिलाफ आंदोलन तेज़ किया जायेगा ।
चुनाव नियमित तरीक ५ जनुअरी २०२१ को ही होंगे ।