देश घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर अन्नकूट से भोग लगाकर की जाती है पूजा
दीपावली पर्व के अगले दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है। बता दें कि दीपों के पांच दिवसीय पर्व की श्रृंखला में आज गोवर्धन पूजा का दिन है। यह पूजा का दिन सीधे भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ा हुआ है। गोवर्धन पूजा वैसे तो पूरे देश में मनाई जाती है लेकिन उत्तर प्रदेश के मथुरा में इस पूजा को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार में भी गोवर्धन पूजा धूमधाम के साथ की जाती है। अन्नकूट या गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से प्रारंभ हुई है।इसमें घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन नाथ जी की अल्पना बनाकर उनका पूजन करते हैं। उसके बाद गिरिराज भगवान (पर्वत) को प्रसन्न करने के लिए उन्हें अन्नकूट का भोग लगाया जाता है। इस दिन मंदिरों में अन्नकूट किया जाता है । इस पूजा में गाय, भगवान कृष्ण और माता लक्ष्मी की पूजा खास तौर पर की जाती है। पौराणिक कथा के मुताबिक भगवान कृष्ण ने इस दिन ही इंद्रदेव के अहंकार को खत्म किया था। इस पूजा को अन्नकूट पूजा के नाम से भी लोग जानते हैं। बता दें कि गोवर्धन पूजा में अन्नकूट का भोग लगता है जो कि नई फसल और सभी सब्जियों से मिलकर बनाया जाता है