ऐतिहासिक झंडे जी का आरोहण, ध्वजदंड की बाज ने की परिक्रमा

देहरादूनः। प्रदेश की राजधानी देहरादून में स्थित दरबार श्री गुरु राम राय महाराज परिसर में आस्था और श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा. ऐतिहासिक दरबार साहिब में मंगलवार को विधि-विधान के साथ 90 फीट ऊंचे श्री झंडे जी का आरोहण किया गया। ऐतिहासिक झंडे जी मेला का आरोहण दास महाराज की अगुवाई में हुआ. श्री झंडे जी के आरोहण के दौरान गुरु महिमा की जयकारे शहर भर में सुनाई दी।
इस दौरान सीमित संख्या में देश के विभिन्न राज्यों जैसे पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से सीमित संख्या में लोग श्री झंडे जी के आरोहण का साक्षी बनने पहुंचे. सबसे पहले दूध, दही, घी, मक्खन, गंगाजल और पंचगव्यों से नए श्री झंडे जी को स्नान कराया गया। विधिवत वैदिक विधान से पूजा अर्चना के बाद अरदास हुई। सुबह करीब दस बजे से श्री झंडे जी यानी पवित्र ध्वजदंड पर गिलाफ चढ़ाने का कार्य शुरू किया गया। झंडा मेला आयोजन समिति के व्यवस्थापक केसी जुयाल ने बताया कि दरबार साहिब प्रबंधन की ओर से संगतों की ठहरने की पूरी व्यवस्था की गई है। श्री गुरुराम राय बिंदाल स्कूल, राजा रोड, भंडारीबाग सहित पटेल नगर और देहरादून के विभिन्न धर्मशालाओं में संगतों का रुकने का इंतजाम किया गया है। साथ ही एक दर्जन ज्यादा छोटे-बड़े लंगरों की व्यवस्था है। सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए मेला थाना और मेला अस्पताल बनाए गए हैं। इस साल श्री दरबार साहिब में भित्ति चित्र भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगी। इन भित्ति चित्रों को पानी, धूल, प्रदूषण धूप से बचाने के विशेष तकनीक का प्रयोग किया गया है। साथ ही बीते कुछ महीनों से भित्ति चित्रों को सरंक्षित करने के लिए एक विशेष टीम श्री दरबार साहिब में काम कर रही है। श्री दरबार साहिब के करीब 346 वर्षों के इतिहास को यह भित्ति चित्र कई उदाहरणों से सजीव करने का काम कर रहे हैं। इसमें इतिहास के साथ ही टिहरी की नथ का भी सजीव चित्रण किया गया है। श्री दरबार साहिब में झंडे जी के आरोहण के बाद परंपरा है कि हर वर्ष बाज का एक जोड़ा आकर झंडे जी की परिक्रमा करता है। यह दृश्य इस वर्ष भी देखने को मिला। श्री दरबार साहिब के महंत देवेंद्र दास महाराज ने बताया कि बाज श्री गुरु राम राय जी महाराज का प्रिय पक्षी था। इसलिए जब भी झंडे जी का आरोहण होता है, उसके बाद बाज गुरु के दर्शन और आशीर्वाद लेने झंडे जी के पास पहुंचते हैं।