चकराता से कैंटोनमेंट बोर्ड हटाने की उठाई मांग विकास में बाधक है कैटोनमेंट बोर्डः चैहार
विकासनगर। चकराता को छावनी परिषद से बाहर करने की मांग समय-समय पर उठती रही है। स्थानीय लोग कैंटोनमेंट बोर्ड होने से विकास बाधित होने का आरोप लगाते रहते हैं। इसी कड़ी में लोक पंचायत समिति के सदस्य भारत चैहान ने केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट से मुलाकात कर समस्या से अवगत कराया, जिस पर अजय भट्ट ने आश्वासन दिया है।
कैंटोनमेंट बोर्ड ब्रिटिश कालीन व्यवस्था का प्रतीक है, जिसे अंग्रेजों ने भारतीयों पर राज करने के लिए अपनी सुविधा के लिये बनावाया था। भारत चैहान ने कहा कि, जनप्रतिनिधियों ने चकराता को कैंटोनमेंट बोर्ड से मुक्ति दिलाने के लिए कभी भी कोई प्रयास नहीं किए हैं। उन्होंने कहा कि अच्छा होता जब चकराता को ब्रिटिश कालीन व्यवस्था से मुक्त करा देते। उसके पश्चात स्वर्गीय पूर्व मंत्री की प्रतिमा लगाई जाती तो संपूर्ण प्रदेश में एक अच्छा और सकारात्मक संदेश जाता।
चकराता में निवास करने वाले लोगों को अपने घर बनाने के लिये कैंट बोर्ड से अनुमति लेनी पड़ती है जो कि समय पर नहीं मिलती। आश्चर्य इस बात का है कि वर्तमान समय में भी कैंटोनमेंट बोर्ड में चुने हुए जनप्रतिनिधि केवल सदस्य होते हैं। इस व्यवस्था को भारत सरकार को शीघ्र हटाना चाहिए। विकासखंड कालसी और विकासखंड चकराता में होने वाली क्षेत्र पंचायत की बैठकों में भी सर्वसम्मति से दोनों ही ब्लॉक प्रमुखों को कैंटोनमेंट बोर्ड हटाने के लिए प्रस्ताव पारित करना चाहिए।
भारत चैहान ने आगे कहा कि कैंटोनमेंट बोर्ड हटाने के लिए वर्तमान समय में सभी स्थितियां अनुकूल हैं। जिस प्रकार से गेट प्रणाली को समाप्त किया गया है, उसी प्रकार से कैंटोनमेंट बोर्ड को भी समाप्त कर चकराता को वास्तविक हक दिलाने की आवश्यकता है। जिससे आने वाली पीढ़ी की भी विकास की राह आसान होगी और पर्यटकों का आवागमन होगा जिससे रोजगार सृजन भी होगा ताकि चकराता का समुचित और व्यवस्थित तरीके से पर्यटन की दृष्टि से विकास हो सके। जौनसार बावर में धार्मिक पर्यटन और प्राकृतिक पर्यटन की अत्यंत संभावना है।