मिशन चिरंजीवी भारत के अंतर्गत नव्य भारत चैरिटेबल फिजीयोथेरेपी सेंटर का मेयर गामा और विधायक गैरोला ने किया लोकार्पण

 

देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड के बालावाला देहरादून मे नव्य भारत चैरिटेबल फिजीयोथेरेपी सेंटर का उद्घाटन देहरादून के मेयर श्री सुनील उनियाल “गामा” जी, श्री बृजभूषण गैरोला जी, विधायक, डोईवाला जी के कर कमलो से हुआ। इस मौके पर सुप्रसिद्ध लोकगायक श्री सौरव मैठाणी जी की भी गरीमामयी उपस्थिति रही। आदरणीय गैरोला जी ने एनबीएफ को इस दैवीय कार्य के लिए शुभकामनाऐ प्रेषित की व कहा कि डा० अनिरुद्ध उनियाल जैसे युवा राष्ट्र का गौरव हैं। इस मौके पर गामा जी ने एनबीएफ के इस समाज कल्याण के कार्य की सराहना की। सभी गणमान्य ने नव्य भारत फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न समाजिक प्रकल्पों की भूरि- भूरि प्रशंसा की व प्रसिद्ध लोकगायक श्री सौरव मैठाणी जी के मधुर संगीत सुनकर सब झूम उठे। । साथ ही नव्य भारत फाउंडेशन (एनबीएफ भारत) एवं स्टूडेंट असोसिएशन ऑफ फिजीकल थैरेपी (एसएपीटी इंडिया) द्वारा “मिशन चिरंजीवी भारत” के अंतर्गत आम जनमानस के लिए निशुल्क फिजीयोथेरेपी परामर्श कैंप भी आयोजित करवाया गया , जिसमें पीजीआई चंडीगढ के डाक्टर द्वारा निशुल्क उपचार किया गया। इस मौके पर एनबीएफ एवं एसएपीटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पीजीआई चंडीगढ के फिजीयोथेरेपीसट डा० अनिरुद्ध उनियाल जी ने सभी का धन्यवाद व्यक्त किया व और बताया कि एनबीएफ सदैव जनकल्याणकारी कार्यों के लिए समर्पित रहेगी।एनबीएफ के ट्रस्टी श्री खेमराज उनियाल जी ने बताया कि आगे भी एनबीएफ ऐसे ही चिकित्सा परामर्श,धार्मिक एवं जनजागरण के कार्य में संलग्न रहेगी।
इस मौके पर क्षेत्र के कई गणमान्य उपस्थित रहे व सैकड़ो की संख्या में आमजनमानस ने निशुल्क फिजीयोथेरेपी परामर्श कैंप का लाभ उठाया। वहीं पूर्व संध्या पर
नव्य भारत फाउंडेशन द्वारा भजन संध्या एवं सत्संग कार्यक्रम का आयोजन करवाया गया। जिसमें दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक युगद्रष्टा सदगुरू सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साधवी सुश्री सुभाषा भारती जी ने बताया कि वास्तविक सुख शांति ईश्वर की शरण में जाकर ही प्राप्त हो सकती है, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, देहरादून की कॉर्डिनेटर साधवी सुश्री अरूणिमा भारती जी ने गुरू महिमा का महत्व समझाया गया।
इस मौके पर श्री राकेश जी, महानगर प्रचारक (उत्तर), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जी की गरिमामयी उपस्थिति रही।