मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य में गोबर धन योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु पेयजल, पशुपालन, उरेडा, डेयरी, कृषि विभाग की जिम्मेदारी तय की
इसके साथ ही आँचल पशु आहार निर्माणशाला रुद्रपुर के तहत 1000 किलों बायो सीएनजी प्रतिदिन उत्पादन क्षमता का बायो गैस संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। इस प्लांट की स्थापना एवं संचालन का कार्य ठव्ज् मॉडल में प्रस्तावित किया जा रहा है। गोबर गैस संयंत्र की स्थापना प्राइवेट पार्टनर द्वारा की जायेगी तथा निर्धारित अवधि में संचालन के उपरान्त यू०सी०डी०एफ०. को हस्तांतरित किया जायेगा। पशु आहार निर्माणशाला में डेयरी विकास विभाग के नाम से कुल 04.85 हेक्टेयर भूमि आवंटित है जिसमें से वर्तमान में 01.60 हेक्टेयर भूमि अनुपयोगी है। प्लांट की स्थापना हेतु लगभग 1.5 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी जिसके लिये उक्त अनुपयोगी भूमि का उपयोग किया जायेगा। संबंधित भूमि पर 1000 किग्रा० बायो सी०एन०जी० प्रतिदिन उत्पादन क्षमता का बायो सी०एन०जी० संयंत्र, 5000 किग्रा० प्रतिदिन क्षमता की पेन्ट इकाई एवं 30000 किग्रा० प्रति दिन क्षमता की एक जैविक खाद (च्त्व्ड) इकाई स्थापित की जायेगी।इस संयंत्र के संचालन हेतु प्रतिदिन 25 हजार किग्रा गोबर तथा लगभग 15 हजार किग्रा बायोमास की आवश्यकता होगी। बायो सी०एन०जी० संयंत्र रुद्रपुर से 30 किलोमीटर के दायरे में लगभग 3225 पशु आच्छादित करते हुए लगभग 32000 किग्रा०/दिन गोबर क्रय किया जायेगा। बायो सी०एन०जी० के अतिरिक्त लगभग 24 मीट्रिक टन च्त्व्ड एवं आवश्यकता अनुसार बायो पेट का उत्पादन किया जायेगा। गोबर की उपलब्धता हेतु दुग्ध मार्गो पर स्थित दुग्ध समितियों अथवा अन्य दुग्ध उत्पादकों से गीबर क्रय किया जायेगा। बायो सी०एन०जी० सयंत्र पर गोबर पहुंचाने पर किसानों से रू0 2 प्रति किग्रा की दर से गोबर क्रय किया जायेगा तथा गांव/समिति स्तर पर एग्रीगेशन पॉइंट में गोबर क्रय की दर रू० 01.00 प्रति किग्रा होगी। बायो सी०एन०जी० सयंत्र हेतु अतिरिक्त कच्चे माल की आवश्यकता बायोमास के द्वारा पूर्ति की जायेगी।