रंग लाने लगी है त्रिवेन्द्र सरकार की भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने की मुहीम

शूरवीर सिंह कठैत

देहरादून। उत्तराखण्ड में जब त्रिवेन्द्र सरकार सत्ता पर काबिज हुई थी। उसने सत्ता में आते ही उत्तराखण्ड को भ्रष्टाचार मुक्त शासन देकर प्रदेश में राम राज्य स्थापना करने की बात कही थी। त्रिवेन्द्र सरकार के आधे शासन के दौरान अब उनकी मुहीम धरातल पर दिखने लगी है। जन हितों की सुरक्षा के लिए त्रिवेन्द्र सरकार ने बड़ी तेजी के काम किया है। उसका जीता जागता उदाहरण हर विभाग से दलालो की घुसपैठ पर शिकंजा कसना सामने आ रहा है। जिसके चलते आम आदमी अपने अधिकारों को पाने के लिए भी किसी भी विभाग में दलालों का सहारा लेता था।
राज्य गठन के बाद प्रदेश में आई कांग्रेस की पहली तिवारी सरकार ने ही उत्तराखण्ड को उसके शैशव काल में ही भ्रष्टाचार की गर्त में झोकने का काम कर दिया था। लोगों को डोमोसाईल,राशनकार्ड डाईविंग लाईसेंस जैसी छोटी से अपने अधिकारों के लिए भी दलालों का सहारा लेना पडता था। जो हर प्रदेश के नागरिक का अपना मौलिक अधिकार था। उसके भी दाम लगने लगे थे। राज्य गठन के 16 वर्षो तक प्रदेश की ऐसी ही स्थिति थी। किन्तु जब राज्य की चैथे विधानसभा आम चुनाव मे भाजपा जीतकर आई तो उसने प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने का वादा किया था। जिसके लिए गहन विचार मंथन कर पार्टी आलाकमान ने त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उत्तराखण्ड की सत्ता पर ताजपोशी कर डाली। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र से प्रदेश में जीरो टोलरेंस की सरकार देने का वादा किया। त्रिवेन्द्र सरकार बनने से पहले प्रदेश का हर विभाग भ्रष्टाचार की गर्त में डूबा हुआ था। लोगों को हर विभाग में अपना काम कराने के लिए दलालों का सहारा लेना पडता था। कई बार तो लोगों को अपने मौलीक अधिकार पाने के लिए भी काफी आर्थिक हानि उठानी पडती थी। किन्तु सबसे पहले त्रिवेन्द्र सरकार ने भ्रष्ट्राचारियों पर शिकंजा कसते हुए दलालों की विभागों मंे भूमिका खत्म करने का काम कर दिया। जिससे लोगों को काफी राहत मिलने लगी। अब लोग खुद किसी भी विभाग में जाकर अपने काम करा सकते है। त्रिवेन्द्र सरकार का खुद मानना है कि भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से तभी नकेल कसी जा सकेगी जब प्रदेश का आम नागरिक भी अपने अधिकारों के लिए खुद जागरूक बनेगा। सरकार का वादा और दावा हे कि उनके कार्यकाल में यदि किसी आम आदमी के हितो से कोई खिलवाड होता है तो वे स्यम मुख्यमंत्री से उसकी शिकायत कर अपनी समस्या का निराकरण करा सकते है। आम आदमी को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना ही त्रिवेन्द्र सरकार का लक्ष्य है।