यमकेश्वर के गावों में गहराया पेयजल संकट, लोगों ने प्रशासन से लगाई गुहार

कोटद्वार। यमकेश्वर, लैंसडाउन और चैबट्टाखाल विधानसभा के हजारों परिवार इन दिनों पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में स्थानीय लोगों ने हजारों अब भैरव गढ़ी पंपिंग योजना से आस लगानी शुरू कर दी है। जिसको लेकर स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इलाके को पेयजल संकट से उबारने के लिए भैरव गढ़ी पंपिंग योजना में द्वारीखाल ब्लॉक को भी शामिल करने की मांग की है। स्थानीय लोगों की मानें तो ब्लॉक के लगभग 2 दर्जन से अधिक गावों में पिछले कई सालों से पेयजल संकट बना हुआ है। पौड़ी जिले की महत्वाकांक्षी पेयजल योजना में से एक भैरवगढ़ी पंपिंग योजना, सरकार की उदासीनता के चलते आज भी अधर में लटकी हुई है। जानकारी के मुताबिक, इस योजना का शुभारंभ साल 2006 में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी ने किया था. इस योजना को 23 करोड़ की लागत से साल 2012 तैयार होना था। सरकार द्वारा की इस योजना पर अब तक लगभग 65 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। लेकिन ये पेयजल योजना आज तक पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में तीन विधानसभाओं यमकेश्वर, लैंसडौन और चैबट्टाखाल की लगभग 75 ग्राम सभाओं की 25 हजार आबादी को पेयजल संकट से निजात दिलाने के लिए भैरव गढ़ी पंपिंग योजना से जोड़ने की तैयारी चल रही है। वहीं, मामले में सीडीओ हिमांशु खुराना ने कहा कि जिन 75 ग्राम सभाओं को जल निगम के अधिकारियों ने चिन्हित किया है, उन्हीं को ही इस पेयजल योजना का लाभ दिया जाएगा। क्योंकि, अभी भी इसका पूरा खाका बनकर तैयार नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि जब तक यह योजना पूरी नहीं होती तब तक किसी अन्य ग्राम सभा को इस योजना से नहीं जोड़ा जा सकता है। वहीं, खुराना ने बताया कि जिन गांवों में अभी भी पेयजल संकट बना हुआ है, उन गावों को भारत सरकार की हर घर नल की योजना से जोड़ा जाएगा। जिसके तहत साल 2024 तक गांव के सभी घरों में नलों की सुविधा दी जानी है।