आतंकवाद पर पाकिस्तान को करारा झटका, ग्रे-लिस्ट में ही रखने की सिफारिश

इस्लामाबाद। आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को करारा झटका लगा है। एफएटीएफ के सब-ग्रुप ने आतंकवाद की वित्तीय मदद रोकने में विफल रहने पर पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बने रहने देने की सिफारिश की है। हालांकि, आखिरी फैसला शुक्रवार को किया जाएगा।
पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखने को लेकर किया गया निर्णय एफएटीएफ के इंटरनेशनल को-ऑपरेशन रिव्यू ग्रुप (आईसीआरजी) की बैठक में लिया गया। पीटीआई सूत्रों ने बताया कि आईसीआरजी बैठक में एफएटीएफ के सब ग्रुप ने पाक को श्ग्रे सूचीश् में ही रखने को कहा है। शुक्रवार को जब एफएटीएफ में यह मुद्दा आएगा, तब इसपर अंतिम फैसला लिया जाएगा। वहीं, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान से धनशोधन और आतंक वित्तपोषण के दोषियों को कठघरे में लाने के लिए कानूनों को और कसने की मांग की है। आतंकवादियों को आर्थिक मदद रोकने की दिशा में काम करने वाली संस्था एफएटीएफ की बैठक पेरिस में 16 फरवरी से शुरू हुई और यह 21 फरवरी तक चलेगी।

इसमें इस बात की समीक्षा की जा रही है कि पाकिस्तान ने आतंक वित्तपोषण और धनशोधन पर लगाम के लिए उसे सौंपी गई 27 सूत्रीय कार्ययोजना पर किस हद तक अमल किया है।
बता दें कि एफएटीएफ की यह बैठक तब हो रही है, जब हाल ही में पाकिस्तान की एक कोर्ट ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को आंतकवाद के दो मामलों में 11 साल की सजा सुनाई है। माना जा रहा है कि यह फैसला एफएटीएफ और पश्चिमी देशों को खुश करने को लेकर आया है, ताकि पाक को ग्रे सूची से बाहर निकाला जा सके।
भारत यह कहता रहा है कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा (स्मज्), जैश-ए-मोहम्मद (श्रमड) और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी समूहों को नियमित सहायता देता है, जिसका प्रमुख लक्ष्य भारत में हमला करना है। ऐसे में एफएटीएफ से पाक के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।