बोर्ड परीक्षाएं तुरंत स्थगित करें सरकार : बौडाई


देहरादून। प्रदेशभर में प्रतिदिन कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे भयावह स्थिति में बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बच्चों के माता-पिता के साथ ही शिक्षकों में भी कोरोना का खौफ फैला हुआ है। मौजूदा समय में सचिवालय से लेकर कोर्ट भी बमुश्किल ही खुल रही है। ऐसे में बोर्ड परीक्षाओं को आयोजित करना सीधे – सीधे बच्चों की जिंदगी के साथ किसी खिलवाड़ से कम नहीं है।
रविवार को इसी मुद्दे को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) की ओर से प्रदेश सरकार पर जोरदार हमला करते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गयी। इस मौके पर पार्टी जिलाध्यक्ष विजय कुमार बौड़ाई ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश में इस समय महामारी का खतरा काफी बढ़ गया है। महामारी के कारण पूरा जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। ऐसी स्थिति में बोर्ड परीक्षाएं करवाना बहुत ही खतरनाक है। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से कोरोना संक्रमण फैल रहा है उसको देखते हुए बोर्ड परीक्षाएं तुरंत स्थगित कर दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब बड़ी संख्या में छात्र व शिक्षक विद्यालय पहुंचेंगे तो बच्चे आपस में सामाजिक दूरी जैसी सावधानिया नहीं रख पाएंगे। ऐसे में निश्चित रूप से कोरोना संक्रमण की अधिक संभावनाएं बढ़ जाएंगी। उन्होंने इजराइल का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी इसी प्रकार का मामला देखने को मिला था। जहां पर सरकार ने विद्यालय खोल दिए थे। लेकिन विद्यालय खोलते ही सैकड़ों बच्चे संक्रमित हो गए और हजारों बच्चों को को कोरेंटिन करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि रावत सरकार को आज इजरायल से सीख लेने की जरूरत है। वहीं पार्टी ने मांग रखी है कि सरकार को इसके लिए एक अलग तरह की व्यवस्था अपनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं के स्थान पर छात्रों को अन्य विषयों के अंकों के औसत के बराबर अंक दिए जा सकते हैं। इससे सभी बच्चों को उनकी योग्यता अनुसार अंक मिल जाएंगे। और यदि यह संभव नहीं हो तो इसको कोराना महामारी के संकट के कम होने पर ही परीक्षाएं कराई जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालातों में छात्र मनोवैज्ञानिक रूप से परीक्षाएं देने की स्थिति में नहीं है। छात्र इस महामारी के दौरान परेशान रहे है। वहीं आर्थिक रूप से मध्यम व निम्न श्रेणी के अभिभावकों को होने वाली आर्थिक परेशानियों का असर भी बच्चों के मनोविज्ञान पर पड़ना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस गंभीर स्थिति के बारे मे बहुत ही संवेदनशीलता का परिचय देना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर सरकार को भी परीक्षाओं के स्थान पर महामारी के निवारण के साथ ही संक्रमण को रोकने के लिए और अधिक समय व आवश्यक संसाधन मिल सकेंगे। पार्टी ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए अपनी मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि ऐसी विषम परिस्थिति में बोर्ड परीक्षाएं बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन के मध्यनजर जनहित में शीघ्र ही स्थगित कर देनी चाहिए।