बाजार को सीमित समय के लिए खोलने की मांग को लेकर व्यवसायियों ने किया प्रदर्शन

देहरादून,3 जून। कोरोना की दूसरी लहर में जारी कोविड कर्फ्यू के चलते शहर के स्थानीय व्यापारियों की आर्थिकी की कमर पूरी तरह से टूट चुकी है। दून उद्योग व्यापार मंडल से जुड़े तमाम स्थानीय व्यापारियों ने देहरादून के घंटाघर चैक पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
व्यापारियों का कहना है कि जिस तरीके से कोरोना के मामलों में कमी आने लगी है, ऐसे में सरकार को बाजारों को पूरी तरह से सीमित समय के लिए खोलने की अनुमति प्रदान करनी चाहिए। कपड़ा कमेटी देहरादून के अध्यक्ष प्रवीण कुमार जैन ने बताया कि शहर के हजारों व्यापारियों की आर्थिकी की कमर कोरोना काल में पूरी तरह से टूट चुकी है। ऐसे में सरकार को जहां एक तरफ स्थानीय व्यापारियों को अब अपनी दुकानें खोलने की अनुमति प्रदान करनी चाहिए, वहीं दूसरी तरफ जीएसटी के साथ ही बिजली के बिल में भी कुछ राहत देनी चाहिए। गौरतलब हैं कि एक तरफ शहर की तमाम दुकानें अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह से जारी कोविड कर्फ्यू के बाद से ही लगातार बंद चल रही हैं। वहीं दूसरी तरफ स्थानीय व्यापारियों पर अपने कर्मचारियों का वेतन देने का भार है। इसके साथ ही जीएसटी के साथ ही बिजली का बिल इत्यादि भी व्यापारियों को चुकाना पड़ रहा है। ऐसे में कमाई शून्य होने के चलते स्थानीय व्यापारियों के सामने दिन पर दिन आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। स्थानीय सर्राफा व्यापारी और दून युवा सर्राफा मंडल के महासचिव गौरव रस्तोगी ने बताया कि शहर के सभी ज्वेलरी शॉप पिछले 40 से 45 दिनों से बंद चल रही हैं। ऐसे में घर का खर्च चलाना भी मुश्किल होता जा रहा है। इस स्थिति में सरकार को अब शहर के सभी ज्वेलर्स शॉप के साथ में अन्य दुकानों को भी पूर्ण रूप से सीमित समय के लिए खोले जाने की अनुमति देनी चाहिए। इससे परिवार का भरण-पोषण करने के साथ ही अन्य खर्चों को पूरा किया जा सकेगा।