आखिर कौन होगा कांग्रेस में मुख्यमंत्री का चेहरा
देहरादून।. ्उ्त्तराखंड में भले ही चेहरे को लेकर कांग्रेस में हो हंगामा मचा हो लेकिन यह बात अंडरस्टूड है उत्तराखंड में जनता में कौन प्रचलित नेता है किसको जनता और कार्यकर्ता मानते हैं
और यहां तो पार्टी आलाकमान ने भी मान लिया है कि हरीश रावत अभी प्रदेश में सबसे पॉपुलर नेता है इसलिए ही तो उन्हें चुनाव संचालन समिति की जिम्मेदारी सौंपी गई है लेकिन सबसे ज्यादा चेहरे की बात हरीश रावत खेमे से ही आ रही है ऐसे में हरीश रावत खेमे के नेता क्यों नहीं समझते की पार्टी के संकेत क्या है अगर इतने पर भी वह नहीं समझ रहे हैं और रायता खुद ही फैलाने में जुटे हुए हैं तो फिर आगे कोई कुछ कर नहीं सकता
पार्टी आलाकमान ने 5 अध्यक्षों को आगे कर सब को साधने की कोशिश चुनावी चेहरे के सवाल पर अब उलझती हुई नजर आ रही है चेहरे को लेकर पिछले लंबे समय से चल रही तकरार प्रदेश कांग्रेस में बड़े बदलाव के बाद भी नहीं थमी है हालात ऐसे ही रहने की स्थिति में पार्टी आलाकमान को बीच बचाओ की नौबत आ सकती हैसाफ है विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश में कांग्रेस के भीतर चेहरे की लड़ाई और तेज हो गई है पार्टी हाईकमान नए बदलाव के साथ ही संकेत दे चुका है चुनाव प्रचार की कमान पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय महासचिव को सौंपकर पार्टी ने जता दिया है कि उन्हें राज्य में अपने इसी बड़े चेहरे पर भरोसा है साथ ही पार्टी ने सामूहिक नेतृत्व को लेकर अपना पुराना राग भी बरकरार रखा है
प्रदेश संगठन में हुए बड़े बदलाव के समीकरण बैठ आते वक्त पार्टी नेतृत्व ने गुट विशेष की जगह सभी को साथ लेकर चलने पर जोर दिया प्रदेश के भीतर उठने वाले शोर से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर अंजाम दी गई कसरत के बावजूद पार्टी की उलझन लगातार बढ़ ही रही है चुनावी चेहरे के सवाल पर पार्टी अभी खेमे में बटी हुई है
चुनाव प्रचार समिति की कमान हरीश रावत को सौंपने और हरीश रावत की पसंद को प्रदेश अध्यक्ष पद पर तरजीह मिलने के बाद रावत खेमा खासा उत्साह में है रावत समर्थकों का साफ तौर पर मानना है कि पार्टी ने अगले विधानसभा चुनाव की बागडोर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के सुपुर्द कर दी है नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल कह चुके हैं कि हरीश रावत प्रदेश में सबसे लोकप्रिय चेहरा है
वही प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने के बाद नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में आए प्रीतम सिंह दोहरा रहे हैं कि पार्टी अगला चुनाव किसी चेहरे के बजाय सामूहिक नेतृत्व में लड़ेगी साफ है किसी ने ठीक ही कहा है कि अभी घर ढंग से बना नहीं लड़ाई झगड़े पहले ही शुरू हो गए ऐसे ही हालात कांग्रेस के भी नजर आते हैं और अगर ऐसा ही रहा तो अनुशासित पार्टी बीजेपी का कैसे कांग्रेस की एक तमाम नेता मुकाबला कर पाएंगे