सोमवती अमावस्या का महास्नानः लाखो  श्रद्धालुओन ने गंगा में लगाई आस्था की डूबकी

हरिद्वार। सोमवती अमावस्या पर पौराणिक ब्रह्मकुंड पर रात 12 बजे से ही गंगा में आस्था की डुबकी लगाने वालों का सैलाब उमड़ पड़ा। ब्रह्म मुहूर्त तक गंगा घाट श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया। हर किसी में गंगा में डुबकी लगाने की होड़ सी मची रही।
सोमवती अमावस्या स्नान का हिंदुओं में विशेष महत्व माना गया है। यही कारण है कि पहले तो सोमवती अमावस्या और फिर सोमवार को ही इसके पड़ने से इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। यही कारण है कि दूर-दूर से श्रद्धालु इस दिन गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य कमाना चाहते हैं। सोमवती अमावस्या के स्नान पर्व का विशेष महत्व माना जाता है। सोमवती अमावस्या पर गंगा में स्नान करने के लिए गंगा तटों पर भीड़ लगती है। हरिद्वार में भी आज आधी रात से ही गंगा स्नान करने के लिए हर की पैड़ी पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। ज्योतिष गणना के मुताबिक, जब सोमवार के दिन अमावस्या पड़ती है तो उस दिन सोमवती अमावस्या कहलाती है। पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि जब भी कोई अमावस्या सोम युक्ता अर्थात सोमवार के दिन पड़ेगी तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। अमावस्या स्नान दान के लिए, पितरों के लिए बहुत ही पुण्य दाई होता है। इस दिन जो लोग अपने पितरों के निमित्त पूजा अर्चना दान इत्यादि करते हैं, उनके पित्र तृप्त रहते हैं और उनका घर धन-धान्य से भरा रहता है. आज के दिन वट सावित्री की पूजा का भी बहुत महत्व है। पति की लंबी आयु और घर में खुशहाली के लिए इस दिन महिलाएं वट की पूजा भी करती हैं। इस दिन ही महिलाएं वट सावित्री का व्रत भी रखती हैं।