चार मासूम जिंदा जले,शुक्रवार सुबह डीएम ने किया घटनास्थल का निरीक्षण
देहरादून। आग लगने से चार मासूमों के जिंदा जलने के बाद शुक्रवार सुबह जिलाधिकारी घटना स्थल के निरीक्षण के लिए पहुंची। इस दौरान उन्होंने घटनाक्रम के विषय में विस्तार से जानकारी ली।
जिलाधिकारी सोनिका, डीआईजी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिलीप कुंवर, एसपी देहात कमलेश उपाध्याय समेत कई अधिकारी त्यूणी पहुंचे और घटनास्थल का मौका मायन किया।जिलाधिकारी सोनिका ने कहा मकान में आग लगने के सही कारणों की मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच के बाद ही घटना की वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा। प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार को फौरी तौर पर कपड़े व अन्य सामान उपलब्ध कराया गया है।
आगजनी की घटना से हुए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। इस दौरान एसडीएम चकराता, एसडीएम ऋषिकेश, एसडीएम देहरादून सदर, सीओ विकासनगर, सीओ ऋषिकेश समेत कई तहसीलों के अधिकारी त्यूणी में मौजूद रहे।
त्यूनी में शिक्षा विभाग से सेवानिवृत कर्मचारी सूरतराम जोशी का लकड़ी का चार मंजिला घर सड़क के किनारे स्थित है। इसमें मकान मालिक के साथ ही पांच परिवार किराये पर रहते हैं। बृहस्पतिवार शाम को घर के अंदर किराये पर रहने वाले पांच बच्चे, दो पुरुष और एक महिला थी। घटनाक्रम के अनुसार करीब चार बजे किराये पर रहने वाले विक्की की पत्नी कुसुम किचन में रसोई गैस सिलिंडर बदल रही थीं। इसी दौरान अचानक सिलिंडर ने आग पकड़ ली। हड़बड़ाहट में कुसुम ने आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन आग ने लकड़ी से बने मकान को चपेट में लेना शुरू कर दिया।किराये पर रहने वाले अन्य परिवारों के सदस्यों के शोर मचाया तो आसपास के ग्रामीण पहुंच गए। उधर, सूचना पाकर मौके पर पहुंची स्थानीय फायर ब्रिगेड की टीम ने आग बुझाना शुरू किया। लेकिन, वाहन में पानी कम होने के कारण वह दस मिनट में ही खत्म हो गया। आग विकराल हुई तो घर में रखे चार सिलिंडर एक के बाद एक धमाके के साथ फटे। जब तक फायर बिग्रेड की टीम पानी लेकर वापस आई, आग ने पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया था।इससे अंदर मौजूद चार बच्चों की मौत हो गई। वहीं, विक्की चैहान, भगत, कुसुम और स्वाती (15) झुलस गए। गनीमत रही कि वे किसी तरह बाहर निकल आए। इनमें कुसुम की हालत गंभीर देख हायर सेंटर रेफर किया गया है। उधर, डीएम देहरादून के कहने पर उत्तरकाशी के डीएम ने एक अग्निशमन वाहन मोरी से भेजा। एक वाहन हिमाचल प्रदेश के जुबल से भी बुला लिया गया। लेकिन, तब तक मकान राख हो चुका था।