बैसाखी पर्व पर खुले गौरीमाई मंदिर के कपाट
रूद्रप्रयाग। बैसाखी पर्व पर गौरीकुंड में स्थित गौरीमाई मंदिर के कपाट भी पूजा अर्चना के खोल दिए गए। शुक्रवार को सुबह करीब सात बजे गौरामाई की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल गौरी गांव से रवाना हुई। जिसके बाद डोली के गौरीकुंड पहुंचने पर ब्राह्मणों व मंदिर के मुख्य पुजारी वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विधि विधान के साथ मंदिर में पूजा अर्चना की।
लगभग आठ बजे मां गौरामाई मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। ग्रीष्मकाल के छह माह तक यहीं पर मां गौरा की पूजा-अर्चना की जाएगी। कपाट खुलने की तिथि को लेकर बद्री-केदार मंदिर समिति की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई थीं।
मंदिर समिति के कार्याधिकारी रमेश चन्द्र तिवारी ने बताया कि मद्मेश्वर व तुंगनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि 14 अप्रैल को तय की गई। वहीं गौरीकुंड में गौरा माई के कपाट ग्रीष्मकाल के खोल दिए गए। उक्त दोनों कार्यक्रमों को लेकर बद्री-केदार मंदिर समिति की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई थी।