5वें वर्ल्‍ड कॉफी कॉन्‍फ्रेंस एंड एक्सपो 2023 में कॉफी उद्योग के हितधारकों ने की शिरकत : “सर्कुलर इकोनॉमी और रिजेनेरेटिव कृषि के माध्यम से स्थिरता को अपनाने” पर

 

 

· बेंगलुरु 25-28 सितंबर, 2023 के बीच बेंगलुरु पैलेस में एशिया में पहली बार 5वें वर्ल्‍ड कॉफी कॉन्‍फ्रेंस (डब्ल्यूसीसी) की मेजबानी कर रहा है।

· भारत सरकार के माननीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में चार दिन तक चलने वाले कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

· एशिया में पहले चार दिवसीय कॉफी कार्यक्रम के तौर पर 5वां वर्ल्‍ड कॉफी कॉन्‍फ्रेंस 30,000 वर्गमीटर में फैला है, जिसमें 80 देशों की भागीदारी है। साथ ही 2400 से अधिक प्रतिनिधि, 128 वक्ता, 208 प्रदर्शक और 10,000 से अधिक आगंतुक शामिल हैं।

 

देहरादून – ।: 5वें वर्ल्‍ड कॉफी कॉन्‍फ्रेंस (डब्ल्यूसीसी) 2023 का आयोजन बेंगलुरू के मशहूर बेंगलुरू पैलेस में 25 से 28 सितंबर के बीच किया जा रहा है। कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया, भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, कर्नाटक सरकार और कॉफी उद्योग के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय कॉफी संगठन (आईसीओ) इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। पापुआ न्यू गिनी के कॉफी मंत्री जो कुली, अंतरराष्ट्रीय कॉफी परिषद के चेयर मासिमिलियानो फैबियन, नेस्ले इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री सुरेश नारायण, टाटा कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स के सीईओ और एमडी श्री सुनील डिसूजा, सीसीएल प्रॉडक्ट्स (इंडिया) लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री चल्ला श्रीसंत, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड में दक्षिण एशिया के फूड एंड बेवरेज के वाइस प्रेसिडेंट श्री शिवा कृष्णमूर्ति, एसएलएन कॉफी प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन श्री एन सतप्पन, अंतरराष्ट्रीय कॉफी संगठन के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. वनूसिया नोगीरा, कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया के सीईओ और सचिव, आईएएस, डॉ. के जी जगदीश, कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया में डायरेक्‍टर फाइनेंस, श्री एन. एन. नरेंद्र और यूएनआईडीओ, एफएओ, आईटीसी, अफ्रेक्जिमबैंक और आईएलओ के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने इस सम्मेलन का उद्घाटन किया।

डब्ल्यूसीसी के ब्रांड एंबेसडर और भारत के नंबर 1 युगल टेनिस खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार विजेता रोहन बोपन्ना ने रिकॉर्डेड संदेश के माध्यम से अपनी टिप्पणी साझा की। बोपन्ना अभी चल रहे एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

 

दिन का समापन वैश्विक कॉफी परिदृश्य और भविष्य की संभावनाओं पर आईसीओ के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. वनुसिया नोगारी, सर्कुलर इकॉनमी के सिद्धांत और रिजेनेरेटिव एग्रीकल्चर पर प्रोफेसर गुंटर पाउली, ब्लू इकॉनमी एंड कॉपी मार्केट फ्यूचर ट्रेंड्स पर यूरोमॉनिटर इंटरनैशनल में फूड एंड बेवरेज के इनसाइट मैनेजर मैथ्यू बैरी के संबोधन के साथ हुआ।

 

चार दिनों वाले इस कार्यक्रम में सम्मेलन, कौशल निर्माण कार्यशालाओं, उत्पादक सम्मेलन, सीईओ एंड ग्लोबल लीडर्स फोरम, स्टार्टअप सम्मेलन, प्रतियोगिताएं और पुरस्कार और अत्याधुनिक कॉफी उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी शामिल है। वैश्विक कॉफी उद्योग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप, यह कार्यक्रम जागरूकता को बढ़ावा देता है, साझेदारी को मजबूत बनाता है और कॉफी की दुनिया का जश्न मनाता है।

 

यह सम्मेलन 30,000 वर्ग मीटर के व्यापक क्षेत्र में फैले प्रतिष्ठित बेंगलुरू पैलेस में आयोजित हुआ, जो कॉफी के शौकीनों, उद्योग जगत के नेताओं, विशेषज्ञों और कॉफी के दीवानों के लिए एक वैश्विक स्थल के रूप में मशहूर है। विश्व कॉफी सम्मेलन 2023 में 80 से अधिक देशों के प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद है, जिसमें 2400 से अधिक प्रतिनिधि, 128 वक्ता, 208 प्रदर्शक, 10,000 से अधिक आगंतुक और 300 से अधिक बी2बी बैठकें शामिल हैं। प्रतिभागियों में आईसीओ सदस्य देश के प्रतिनिधि, कॉफी उत्पादक, कॉफी रोस्टर, कॉफी क्यूरर्स, फार्म टू कप कॉफी उद्योग, होरेका, कैफे मालिक, कॉफी राष्ट्र, नीति निर्माता, स्टार्ट-अप, आर एंड डी और छात्र शामिल हैं।

 

इस आयोजन का उल्लेखनीय आकर्षण कॉफी संग्रहालय के रूप में डिजाइन की गई एक मनोरम गुंबदनुमा संरचना (डोम शेप्‍ड) है, जो पश्चिमी घाट में कॉफी बागानों को प्रदर्शित करती है। यह सभी प्रतिभागियों के लिए विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र है, जिसका प्राथमिक लक्ष्य छाया में उगाई जाने वाली और भारतीय कॉफी की स्‍थायी प्रकृति के विशिष्ट गुणों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह असाधारण संरचना कॉफी बीन की उत्पत्ति से लेकर कॉफी कप तक की यात्रा को स्पष्ट रूप से चित्रित करते हुए भारत की विभिन्न कॉफी किस्मों के बारे में जानकारी प्रदान करेगी। साथ ही अनुभव को बेहतर बनाने के लिए यह भारत के इस क्षेत्र से प्राप्त स्वदेशी पौधों का इस्तेमाल करता है।

 

डब्ल्यूसीसी 2023 में प्रदर्शनी एक प्रमुख आकर्षण है जहां बीन से लेकर कप तक, उपकरण कंपनियां, कॉफी मशीन, घुलनशील कॉफी ब्रांड और साथ ही कैफे श्रृंखलाएं समेत पूरी कॉफी मूल्य श्रृंखला का प्रदर्शन किया जा रहा है। कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और उत्तर-पूर्व जैसे राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले खूबसूरती से डिजाइन किए गए थीम वाले पैवेलियन भी हैं, जो भारत में उगाई जाने वाली कॉफी की विविध रेंज का प्रदर्शन करते हैं।

 

इस सम्मेलन में आयोजित होने वाले सत्र सर्कुलर अर्थव्यवस्था और रिजेनेरेटिव कृषि, वित्तपोषण तंत्र, कॉफी गुणवत्ता, स्थिरता और जलवायु परिवर्तन, स्टार्ट-अप इनोवेशन, कॉफी व्यापार, आजीविका चुनौतियां, उपभोग, सामाजिक स्थिरता, रोबस्टा का महत्व और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित होंगे।

 

इस सम्मेलन का एक और मुख्य आकर्षण कौशल निर्माण कार्यशालाएं हैं, जिसमें राइज़ ऑफ ऑल्टरनेटिव मिल्क, एवरीथइंग ब्रूइंग -कोल्ड एंड हॉट, कॉफी समुदाय का निर्माण – कैफे एंड माइक्रो रोस्टर्स, सैंपल रोस्टिंग एट ऑरिजिन, भविष्य में कॉफी भूनने के लिए वैकल्पिक ईंधन का इस्तेमाल, को-ऑपरेटिव वेंचर्स इन इंडिया: 91 अंकों का कपिंग स्कोर प्राप्त करने के लिए 19 कदम – बीज से कप तक की यात्रा, कैफे व्यवसाय पर पैनल चर्चा, एस्प्रेसो में एक मास्टरक्लास – (मध्यवर्ती और व्यावसायिक), सिपिंग सस्टेनेबिलिटी: जलवायु-मुताबिक कॉफी प्रजातियों की खोज – टेस्टिंग और पैनल टॉक, बरिस्ता चैंपियनशिप की तैयारी की मूल बातें, रहस्यमय रोबस्टा बीन (संवेदी मूल्यांकन के साथ), कोको और कॉफी – ए स्टोरी इन द मेकिंग एंड ब्लेडिंग एंड प्रोफाइलिंग रोबस्टा जैसे विषय शामिल हैं।

 

डब्ल्यूसीसी 2023 के दौरान ग्रोअर्स कॉन्क्लेव (उत्पादक सम्मेलन) का उद्देश्य कॉफी की खेती और उत्पादन प्रक्रिया में योगदान करने वाले व्यक्तियों के बीच ज्ञान साझा करने, नेटवर्किंग और सहयोग के लिए एक मंच प्रदान करना है। प्रतिभागियों को ब्राजील, मैक्सिको, वियतनाम, कोलंबिया, यूरोप और अन्य सहित दुनिया भर के वक्ताओं से वैश्विक जानकारी और सूचनाएं मिलेंगी। उन्हें कॉफी खेती की दुनिया में अत्याधुनिक तकनीकों, स्‍थायी प्रणालियों, विशेष कॉफी और रोमांचक रुझानों का भी पता लगाने का मौका मिलेगा।

बेंगलुरु इस असाधारण वैश्विक सम्मेलन के लिए मेजबान शहर के रूप में काम करता है, जो कॉफी उद्योग के भीतर स्थिरता और नए प्रयोग के लिए साझा समर्पण को उजागर करता है। कार्यक्रम के तहत, ओडिशा, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और उत्तर-पूर्व के कॉफी उत्पादक राज्यों के पारंपरिक लोक नृत्यों का आयोजन किया गया है, जो दुनिया भर के प्रतिनिधियों को भारत की समृद्ध और विविध संस्कृतियों की एक सुखद झलक प्रदान करता है।

 

यह आयोजन इंग्लैंड (2001), ब्राजील (2005), ग्वाटेमाला (2010) और इथियोपिया (2016) में आयोजित पिछले सफल संस्करणों की परंपरा को जारी रखता है। इनमें से प्रत्येक आयोजन दुनिया भर में कॉफी उत्साही लोगों की प्रशंसा हासिल करने में सफल रहा है।

 

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