हल्द्वानी राजकीय महिला कल्याण व पुनर्वास केंद्र (सम्प्रेक्षण गृह) की किशोरी के यौन शोषण मामले में महिला आयोग की अध्यक्ष ने दी जानकारी बीते 11 दिसम्बर को किया था औचक निरीक्षण

 

देहरादून। जिला नैनीताल के हल्द्वानी में स्थित बालिका संप्रेषण गृह में एक किशोरी को बाहर ले जाकर दुष्कर्म करवाने के आरोप में बाल संप्रेक्षण गृह की दो महिला कर्मचारियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है। जिस पर महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते 11 दिसंबर 2023 को वह हल्द्वानी प्रवास पर थी जिस दौरान उन्होंने उपकारागार हल्द्वानी का निरीक्षण तथा संप्रेक्षण गृह हल्द्वानी का औचक निरीक्षण किया था। जिस पर उन्होंने वहां रह रही किशोरियों से बातचीत की तथा उन्हें मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी लेने के लिए औचक निरीक्षण किया। जिसमे उन्होंने एक किशोरी के व्यवहार में कुछ गड़बड़ी मिली।
उन्होंने बताया कि वहां एक किशोरी जो अपनी बात कहना चाह रही थी जिस पर मैंने किशोरी से बात की और किशोरी के द्वारा बतायी हुए कुछ कुछ बात समझ कर मामले की जानकारी हासिल की तथा अपने भ्रमण के उपरांत 12 दिसम्बर 2023 को सचिव महिला एवं बाल विकास श्री हरिचंद सेमवाल व निदेशक श्री प्रशांत आर्या से वार्ता करते हुए उक्त प्रकरण में राजकीय महिला कल्याण व पुनर्वास केंद्र (संप्रेक्षण गृह) में कार्यरत अनुसेविकाओं की जांच करने के लिए निर्देशित किया तथा कहा कि उन्हें पूर्ण अंदेशा है कि वहाँ कार्यरत कर्मचारियों के द्वारा कुछ गलत कार्य अवश्य चल रहा है।

जिस पर महिला व बाल विकास के सचिव श्री हरिचंद सेमवाल द्वारा कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या को मामले की जानकारी दी तथा जिस पर 16 दिसम्बर को जांच की टीम गठित की गई तथा और वहां तैनात उक्त अनुसेविकाओं को निलंबित किया गया है तथा तैनात होमगार्ड को भी वापस भेज दिया गया।

किशोरियों के साथ दुष्कर्म कराने के मामले में सम्प्रेक्षण गृह हल्द्वानी की दो महिला कर्मचारी के विरुद्ध पोक्सो एक्ट सहित अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कराने व पीडत किशोरी को न्याय दिलाने के लिए आरोपियों के विरुद्ध महिला आयोग के द्वारा दी गई जानकारी पर तत्काल व ततपरता से संज्ञान लेते हुए कार्यवाही के लिए निर्देशित करने के लिए कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या का आभार व्यक्त किया है।

वहीं महिला आयोग की अध्यक्ष उक्त मामले को लेकर कहा है कि उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग किसी भी मामले में पीडत महिला या किशोरी के साथ तत्परता से खड़ा है तथा उन्होंने इस मामले के बाद राज्य के सभी सम्प्रेक्षण गृह व नारी निकेतनों में कड़ी निगरानी के लिए सचिव श्री हरिचंद सेमवाल को निर्देशित किया है साथ ही उन्होंने पीड़ित किशोरी की काउंसलिंग व देखरेख कराने के लिए भी निर्देशित किया है।

*आयोग अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल का कहना है कि यह अत्यंत निन्दनीय व गंभीर विषय है, उन्होंने बताया कि 11 दिसम्बर को दोपहर लगभग 1 बजे मैं जब उस बालिका से मिली थी तो उसकी बातों से मुझे उसके साथ कुछ गलत होने का अंदेशा लग गया था तभी मैंने अगले दिन 12 दिसम्बर 2023 को महिला एवं बाल विकास के सचिव व निदेशक से वार्ता करते हुए मामले की जांच के निर्देश दिए थे। जिसपर विभाग द्वारा टीम बना कर जांच की गई तथा आरोपियों को निलंबित कर उनके विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है तथा पीड़िता को न्याय मिलेगा।*