यूसीसी विधेयक राज्य की महिलाओं की सुरक्षा, अधिकार व महिला सशक्तिकरण की दिशा में अनोखी मिसाल कायम करेगा – कुसुम कण्डवाल
देहरादून। आज राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने आयोग के कार्यलय से, कल विधानसभा सदन उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता बहुमत से पारित होने पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि मैं आभार व्यक्त करती हूं राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी का तथा केंद्रीय नेतृत्व का जिनके मार्गदर्शन में यूसीसी लागू किया गया।
महिला आयोग की अध्यक्ष ने इस अवसर पर सदन के समस्त सदस्यों तथा उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता का आभार जताया है।
उन्होंने कहा कि यह उत्तराखंड के लिए गौरवान्वित करने वाला ऐतिहासिक पल है हमारा राज्य देश पहला राज्य है जहां से समान नागरिकता कानून को मंजूरी मिली है। यह कानून महिलाओं को कुरीतियों और रूढ़वादी प्रथा से दूर करते हुए सर्वांगीण में उनके लिए सहायक सिद्ध होगा तथा राज्य की महिलाओं की सुरक्षा, महिलाहित व महिला सशक्तिकरण की दिशा में अनोखी मिसाल कायम करेगा ।
यह कानून प्रदेश के हर नागरिकों को समान अधिकार देने के साथ साथ मातृशक्ति को न्याय ही नहीं अपितु नई ताकत देने का काम भी करेगा। उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग स्वयं यूसीसी की पक्षधर रहा है। इसी लिए आयोग द्वारा महिला सुरक्षा, लिव इन रिलेशनशिप, बहुविवाह, तलाक इत्यादि विषयों को लेकर अनेको उपाय दिए गए थे जिन्हें यूसीसी में स्थान मिला है। इसके माध्यम से महिलाओं के अधिकारों पूर्ण दर्जा दिया जाएगा चाहे वह किसी भी वर्ग की हों या किसी भी धर्म की हो।