टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने टिहरी हाइड्रो परिसर का दो दिवसीय सघन निरीक्षण किया

 

ऋषिकेश- ।: टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री आर. के. विश्नोई ने टिहरी परिसर का दो दिवसीय (19 और 20 मई, 2024) सघन निरीक्षण दौरा किया। उनके साथ श्री भूपेन्द्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) और श्री एल.पी.जोशी, परियोजना प्रमुख (टिहरी परिसर) सहित टीएचडीसीआईएल के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। श्री विश्नोई ने 1000 मेगावाट टिहरी पीएसपी के निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया।
श्री विश्नोई ने निरीक्षण के पहले दिन टिहरी बांध का दौरा किया और सघन निरीक्षण किया। श्री एल.पी.जोशी, कार्यपालक निदेशक (टिहरी परिसर) ने श्री विश्नोई और वरिष्ठ अधिकारियों को विभिन्न निर्माण गतिविधियों की जानकारी दी। श्री विश्नोई एवं श्री गुप्ता ने टिहरी पीएसपी के महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे बटरफ्लाई वाल्व, पीएससी (पेन स्टॉक असेंबली चैम्बर), ईए-7 और टीआरटी का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद श्री विश्नोई ने अधिकारियों और हितधारकों के प्रयासों की सराहना की और उन्हें निर्धारित समयसीमा के भीतर अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।

निर्माण स्थलों के निरीक्षण के बाद, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री आर. के. विश्नोई द्वारा समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें निर्माण कार्यों के सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके अलावा, समीक्षा बैठक के दौरान श्री विश्नोई ने उच्च गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने और परियोजना को समय पर पूरा करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि टिहरी पीएसपी 2030 तक राष्ट्र के 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता के लक्ष्य के अनुरूप, शून्य कार्बन उत्सर्जन के साथ 24*7 सस्ती बिजली आपूर्ति करने के लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह परियोजना टीएचडीसी की स्थायी ऊर्जा समाधान और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के प्रति प्रतिबद्धता का उदाहरण है।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के निदेशक (तकनीकी), श्री भूपेन्द्र गुप्ता ने परियोजना गतिविधियों को समय पर पूरा करने का आश्वासन देते हुए उत्कृष्टता और पर्यावरण प्रबंधन के प्रति टीएचडीसीआईएल के समर्पण को रेखांकित किया।

टीएचडीसीआईएल, एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम, जल, सौर, पवन और थर्मल ऊर्जा स्रोतों का दोहन करने में विशेषज्ञता रखता है, जिसकी संस्थापित क्षमता 1587 मेगावाट है, जिसमें टिहरी बांध और एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी (400 मेगावाट), गुजरात में पवन ऊर्जा परियोजनाएं, लघु जल विद्युत परियोजनाएं और केरल में एक सौर ऊर्जा परियोजना शामिल हैं। इसके अलावा, टीएचडीसीआईएल मध्य प्रदेश में कोयला खदानों का संचालन भी कर रहा है।
इस बैठक में श्री संदीप सिंघल, कार्यपालक निदेशक (तकनीकी), श्री आर.आर. सेमवाल (मुख्य महाप्रबंधक-ईएमडी), श्री वीरेंद्र सिंह, मुख्य महाप्रबंधक(ओएमएस), श्री ए.के. घिल्डियाल(मुख्य महाप्रबंधक-प्लानिंग और एमपीएस), श्री ए.आर.गैरोला (महाप्रबंधक-पीएसपी), श्री एम.के.सिंह (महाप्रबंधक-मैकेनिकल), डॉ. ए.एन.त्रिपाठी (महाप्रबंधक-मा.सं. एवं प्रशा.) और श्री नीरज अग्रवाल (अपर महाप्रबंधक-सिवल डिजाइन) और टीएचडीसीआईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

डा. ऐ. एन, त्रिपाठी, महाप्रबन्‍धक (कॉरपोरेट संचार) द्वारा जारी