राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान में विश्व ऑटिज्म दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

देहरादून।

राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन
सशक्तिकरण संस्थान (NIEPVD) में विश्व ऑटिज्म दिवस के अवसर पर संस्थान के क्रॉस डिसएबिलिटी शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र एवं नैदानिक और पुनर्वास मनोविज्ञान एवं अनुसंधान विभाग द्वारा एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ऑटिज्म के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इससे जुड़े व्यक्तियों व उनके परिवारों को सशक्त बनाना था।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसके उपरांत नैदानिक और पुनर्वास मनोविज्ञान एवं अनुसंधान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र ढलवाल ने सभी अभिभावकों को संबोधित करते हुए विश्व ऑटिज्म दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि ऑटिज्म को लेकर समाज में व्यापक स्तर पर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है, ताकि इस न्यूरोडेवलपमेंटल स्थिति से ग्रस्त बच्चों को समुचित अवसर एवं समावेशी वातावरण प्राप्त हो सके। उन्होंने अभिभावकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सकारात्मक दृष्टिकोण और वैज्ञानिक विधियों के माध्यम से बच्चों की क्षमताओं को विकसित किया जा सकता है।

कार्यक्रम के दौरान विशेष आवश्यकता वाले बच्चों एवं उनके अभिभावकों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गईं। इसके अतिरिक्त, मनोविज्ञान विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा ऑटिज्म विषय पर विशेष नाट्य प्रस्तुति दी गई, जिसमें ऑटिज्म से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने और जागरूकता फैलाने का संदेश दिया गया।

इस अवसर पर विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के अभिभावकों को भारत सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई, जिससे वे इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपने बच्चों के सर्वांगीण विकास में योगदान दे सकें। साथ ही, शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र में सेवाएं ले रहे लाभार्थियों के अभिभावकों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि केंद्र द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं से बच्चों में सकारात्मक बदलाव आया है, जिससे वे संतुष्ट एवं आशान्वित हैं।

कार्यक्रम में संस्थान के शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र के लाभार्थी, उनके अभिभावक, छात्र-छात्राएँ तथा शिक्षकगण उपस्थित रहे।