देहरादून: डायट D.El.Ed भर्ती विवाद में शिक्षा निदेशक पर पत्रकार से मारपीट का आरोप, वीडियो वायरल; अभिभावकों ने लगाई गुहार

देहरादून, ।: उत्तराखंड में प्रारंभिक शिक्षा भर्ती को लेकर डायट D.El.Ed प्रशिक्षित अभ्यर्थियों के अभिभावकों की मुलाकात के दौरान प्रारंभिक शिक्षा निदेशक अजय नौडियाल पर एक महिला पत्रकार के साथ बदसलूकी का गंभीर आरोप लगा है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राज्य भर में आक्रोश फैल गया है। राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के नेताओं ने अभिभावकों के साथ निदेशक से भर्ती प्रक्रिया में वर्तमान बैच को शामिल करने की मांग की थी, लेकिन बहस के दौरान निदेशक ने कथित तौर पर पत्रकार सीमा रावत का मोबाइल छीन लिया और हाथ उठाया।
अभिभावकों की मांग: वर्तमान बैच को भर्ती में शामिल करें
घटना निदेशालय परिसर में गुरुवार सुबह घटी, जब राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल के नेतृत्व में अभिभावकों का एक प्रतिनिधिमंडल निदेशक अजय नौडियाल से मिला। पार्टी ने मांग की है कि उत्तराखंड की सरकारी डायट से D.El.Ed करने वाले वर्तमान बैच के अभ्यर्थियों को आगामी शिक्षक भर्ती में शामिल किया जाए।
सेमवाल ने कहा, “डायट से प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी प्रत्येक मायने में प्राइवेट D.El.Ed से बेहतर होते हैं। मात्र कुछ दिनों के अंतर पर यदि विज्ञप्ति जारी हो जाए, तो इन अभ्यर्थियों को अवसर मिल जाएगा।” उन्होंने शिक्षा मंत्री से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ था। मंत्री के निजी सचिव ने बताया कि वे प्रदेश से बाहर हैं और दो दिनों बाद ही मुलाकात संभव होगी। इसके बाद सेमवाल ने शिक्षा सचिव रविनाथ रमन से फोन पर बात की और वही अनुरोध दोहराया।
पार्टी के जिला अध्यक्ष नवीन पंत ने कहा, “उत्तराखंड के डायट D.El.Ed अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। हम इस मुद्दे को विधानसभा तक ले जाएंगे।”
पत्रकार पर हमला: वीडियो ने खड़ा किया सवाल
अभिभावकों की कवरेज के लिए उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट की एडिटर सीमा रावत मौके पर पहुंचीं। बहस तेज होने पर उन्होंने मोबाइल से वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू की, जिससे निदेशक नाराज हो गए। कथित तौर पर उन्होंने रावत पर हाथ उठाया और उनका मोबाइल छीन लिया। पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद हो गया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
रावत ने बताया, “मैं सिर्फ अभिभावकों की आवाज को रिकॉर्ड कर रही थी। अचानक निदेशक ने हमला कर दिया। यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा प्रहार है।” वीडियो में अभिभावक भी निदेशक पर हाथापाई का आरोप लगा सकते दिख रहे हैं।
सोशल मीडिया पर उबाल, पत्रकार संगठनों का विरोध
वीडियो वायरल होने के बाद ट्विटर (अब X), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर हजारों यूजर्स ने निदेशक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पत्रकार संगठनों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है। एक यूजर ने लिखा, “अधिकारी अगर मीडिया से इतना बौखलाए कि महिला पत्रकार सुरक्षित न रहे, तो राज्य में कानून-व्यवस्था का क्या हाल होगा?”
प्रमुख सवाल जो उठ रहे हैं:
क्या उत्तराखंड में मीडिया की आजादी खतरे में है?
महिला पत्रकार के साथ बदसलूकी पर सरकार क्या कदम उठाएगी?
इस मामले की स्वतंत्र जांच होगी या नहीं?
सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। अभिभावक और पार्टी नेता अब शिक्षा मंत्री की वापसी का इंतजार कर रहे हैं। इस घटना ने न केवल भर्ती विवाद को तूल दिया है, बल्कि सरकारी अधिकारियों के आचरण पर भी बहस छेड़ दी है। राज्य सरकार से तत्काल स्पष्टीकरण की मांग तेज हो गई है।