पीपीपी मोड में विद्यालय चलाने का ग्रामीण कर रहे विरोध

कोटद्वार। राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज जयहरीखाल को सरकार द्वारा हंस फाउंडेशन के साथ एमओयू साइन कर आवासीय विद्यालय बनाये जाने का जीओ जारी कर दिया है। जिसके बाद से ही स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला रहा है। लोगों का कहना है कि सरकार स्पष्ट करें कि विद्यालय पीपीपी मोड में चलाने से आसपास के क्षेत्रों के बच्चों के पठन-पाठन का क्या होगा। पौड़ी जिले के जयहरीखाल में प्रदेश का पहला आवासीय स्कूल खुलने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने इसके लिए जीओ जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री इसकी समिति के अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार ने स्कूल को हंस फाउंडेशन को कैसे दे दिया. यह ग्रामीणों द्वारा दान दी गई भूमि है। उन्हें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां वही बच्चे अध्ययन करेंगे जो इंटरव्यू में पास होंगे. ऐसे में यहां पढ़ रहे बच्चों के भविष्य का क्या होगा। सरकार हमारे बच्चों के साथ कोई भेदभाव नहीं करेगी इसको लेकर स्पष्टीकरण देना होगा.ब्लॉक प्रमुख दिनेश भंडारी ने कहा कि हमारे पहाड़ के बच्चे जो ग्रामीण क्षेत्रों से इस इंटर कॉलेज में पढ़ने को आते हैं। ऐसा ना हो कि सरकार द्वारा इसे पीपीपी मोड पर देने के बाद यह बच्चे पठन-पाठन से वंचित हो जाए। सरकार विद्यालय को पीपीपी मोड पर चलाएं, लेकिन आसपास के क्षेत्रों के बच्चों को यहां पर पठन-पाठन के लिए प्राथमिकता दी जाए।