मुख्य सचिव की ओर से जारी हुआ पत्र गैरसैंण में विधानसभा घेराव करेंगे कर्मचारी

 

सरकारी फरमान जारी, बिना काम पगार नही
मुख्य सचिव की ओर से जारी हुआ पत्र
गैरसैंण में विधानसभा घेराव करेंगे कर्मचारी
एससी/ एसटी वर्ग भी कूदा मैदान में
नये राजनीतिक विकल्प की हो सकती है तैयारी
देहरादून। पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में चले आ रहे जनरल-ओबीसी कर्मचारियों के आंदोलन को दबाने के लिए सरकार की ओर से नो वर्क नो पे का फरमान जारी किया गया है। जिसमें मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की ओर से जारी पत्र में लिखा गया है कि उन्हें यह कहने का निर्देश हुआ है कि उत्तराखंड-जनरल ओबीसी एंप्लाइज एसोसिएशन के प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल हेतु जिस क्रमिक की ओर से अवकाश लिया जाएगा या प्रतिभाग करेगा उनको स्वता अनुपस्थित मानते हुए अनुपस्थिति अवधि का वेतन आहरित ना किया जाए। पत्र में स्पष्ट लिखा गया है कि ऐसे कर्मचारियों पर कार्य नहीं तो वेतन नहीं का आदेश लागू किया जाए। वहीं एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक जोशी ने सरकार पर तंज कसते हुए सरकार की मंशा पर कई सवाल खड़े किए हैं। बता दें कि इससे पहले भी सरकारों की ओर से ऐसे फरमान कई बार जारी किए जाते रहे हैं। ताजा मामला आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के आंदोलन से भी जुड़ा है। लेकिन हर बार सरकारों को अपने कदम वापस लेने पड़े हैं। वहीं कल (आज) जनरल-ओबीसी कर्मचारियों की ओर से पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में विधानसभा सत्र गैरसैंण का घेराव किया जाना तय हुआ है। जिसमें प्रदेश के तमाम जिलों से कर्मचारी हिस्सा लेंगे।
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पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ जनरल-ओबीसी एसोसिएशन की के बैनर तले तमाम कर्मचारी सोमवार को भी कार्य बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे रहे। जिससे अधिकांश कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा। वहीं कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सचिवालय कूच किया। कर्मचारियों की हड़ताल से पूरे प्रदेश की विभागीय व्यवस्था लगभग ठप हो गई है।
इस बीच इस प्रकरण को लेकर एससी/एसटी एंप्लाइज एसोसिएशन की ओर से भी बयानबाजी की जा रही है जिसपर प्रतिक्रिया देते हुए जनरल-ओबीसी एंप्लाइज एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि पहले वह अपने गिरेबान में झांके तब कोई बयानबाजी करें। जोशी ने कहा कि यह आंदोलन उत्तराखंड में एक नए राजनैतिक विकल्प की पृष्टभूमि रखेगा। वहीं सरकार इस पूरे मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है व बयान बाजी करने से बच रही है।