कमलनाथ ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा, कहा- मेरा क्या कसूर

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पत्रकार वार्ता में इस्तीफे का एलान कर दिया है। मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत के बाद वह राजभवन पहुंचे और राज्यपाल लालजी टंडन को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। इससे पहले पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा श्मैंने हमेशा सिद्धांतों व मूल्यों का पालन किया है.।. इसलिए मैंने निर्णय लिया है कि मैं राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दूंगा। उन्होंने इस दौरान अपने पांच साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं।. भाजपा पर षडयंत्र रचने का आरोप. उन्होंने कहा कि मैंने सदा विकास में विश्वास रखा है। प्रदेश पूछ रहा है कि मेरा कसूर क्या है? मुझे जनता ने पांच साल का बहुमत दिया था। मेरी सरकार को अस्थिर कर प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता के साथ धोखा किया गया है। उन्होंने ने अपनी सरकार द्वारा आरंभ की गई योजनाओं पर भी चर्चा की। 15 माह में हमने प्रदेश में माफिया के खिलाफ अभियान चलाया। हम प्रदेश को भयमुक्त बनाना चाहते हैं। कमलनाथ ने कहा कि महिला हमारी सरकार ने श्रीलंका में माता सीता का मंदिर बनाने का निर्णय किया, यह भाजपा को रास नहीं आया। हमसे समाज के हर वर्ग के विकास का ध्यान रखा और सबके लिए कुछ न कुछ किया है। हमने पिछड़े वर्ग के आरक्षण को 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया, लेकिन भाजपा को यह रास नहीं आया। कमलनाथ ने कहा कि भाजपा को यह भय सता रहा था कि प्रदेश की बागडोर शायद अब उनके हाथ में कभी न जाए। 15 माह में हम पर किसी घोटाले या भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा। सीएम ने कहा कि इस देश के लोग इस घटना के पीछे की सच्चाई देख सकते हैं। जहां विधायकों को बेंगलुरु में बंधक बनाया जा रहा है।. सच्चाई सामने आ जाएगी.लोग उन्हें माफ नहीं करेंगे।