कोरोना काल में रोजी – रोटी संकट में


देहरादून। कोविड-19 के चलते लगभग 53 हजार होटल और 5 लाख के करीब रेस्टोरेंट में काम करने वाले साढ़े 3 करोड़ लोगों की नौकरी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। चीनी वायरस यानी कोरोनावायरस के चलते पूरा विश्व आज बहुत बड़े संकट से जूझ रहा है। ऐसे में तमाम इंडस्ट्री लॉक डाउन के चलते परमानेंट लॉक होने की कगार पर हैं। अगर बात करें भारत की तो लगभग 12 करोड़ लोगों की रोजी-रोटी पर बड़ा संकट मंडरा रहा है। जिसमें से ज्यादातर दिहाड़ी मजदूरी करने वाले या फिर मध्यमवर्गीय परिवार के लोग शामिल हैं। एक ओर जरूर केंद्र सरकार की ओर से 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद लोगों में उम्मीद जगी है। वहीं दूसरी ओर इस बात को लेकर भी संशय है कि क्या उनके लिए नए अवसर सृजित हो पाएंगे। यूं तो देखा जा रहा है कि युवाओं में की सोच में बड़ा परिवर्तन हुआ है। वह स्टार्टअप या अपना काम शुरू करने की बात कहने लगे हैं। जो कि वाकई में आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ता हुआ एक मजबूत कदम साबित होगा। हालांकि हालत कब सामान्य होंगे इस बात को लेकर अभी कोई भी राष्ट्र कहने से बच रहा है। लिहाजा सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द ज्यादा नौकरियों का सृजन हो। प्राइवेट सेक्टर में जरूरी रियायतें देकर फैक्ट्री या कंपनियों को मजबूत किया जाना चाहिए।