सूर्य ग्रहण के दौरान श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी

हरिद्वार। रविवार आज साल का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण था।. रविवार के दिन ग्रहण का योग बनने के कारण इसे चूड़ामणि कंकण सूर्य ग्रहण कहा गया।. हरिद्वार में सूर्य ग्रहण की शुरुआत 10 बजकर 23 मिनट पर हुई, जबकि देश में ये 9 बजकर 17 मिनट पर शुरू हुआ। हरिद्वार में ग्रहण काल में विश्व प्रसिद्ध हरकी पैड़ी पर आने वाले श्रद्धालु स्नान, ध्यान और हवन करने के साथ-साथ दान आदि किया।
12 घंटे पहले सूतक लगने के कारण मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे। इसके साथ कोरोना के कराण जारी की गई गाइडलाइन्स के मुताबिक हरिद्वार की गंगा आरती और मंदिरों में भी 7 बजे के बाद जाने पर रोक लगाई गई है। ग्रहणकाल बीत जाने के बाद मंदिर खोले गए। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण काल में स्नान, ध्यान और दान से कई गुना फल की प्राप्ति होती है। पंडित देवेंद्र कृष्ण आचार्य के अनुसार ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जा सकता है। ग्रहण खत्म होने के पश्चात गंगा में स्नान करके व घर में गंगाजल छिड़कना अति लाभदायक रहता है। हरकी पैड़ी पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने कहा कि यह ग्रहण कई राशियों पर भारी बताया जा रहा था। इसलिए हम गंगा स्नान कर रहे हैं। उन्होंने कहा हम सभी भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि यह ग्रहण किसी पर भारी न पड़े. इसके अलावा कोरोना जैसी महामारी भी इस ग्रहण के बाद जल्द से जल्द खत्म हो ये भी कामना की गई है।