किसान आंदोलन पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक


देहरादून। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब व यूपी में किसान लगातार कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं। अब उत्तराखंड में भी आंदोलन की चिंगारी सुलगने जा रही है। उत्तराखंड किसान यूनियन टिकैत की प्रदेश प्रभारी उषा तोमर ने अपने कार्यालय में बैठक बुलाई। बैठक में आंदोलन को लेकर चर्चा की गई है कि किस तरीके से आंदोलन को आगे बढ़ाना है। उषा तोमर ने कहा कि तमाम राजनीतिक दलों के समर्थन को लेकर ऑफर आ रहे हैं, लेकिन किसान इतना कमजोर नहीं है कि किसी का समर्थन लेकर सरकार से अपनी बात मनवाने के लिए किसी राजनीतिक दल का सहारा लेगा। किसान संपन्न है और सरकार से अपनी बात मनवाने के लिए सक्षम है। साथ ही कहा कि जिन किसानों ने कोरोना काल में मदद की है आज उन्हीं किसानों पर आंसू गैस और पानी की बौछारें छोड़ी जा रही हैं। यह बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
उषा तोमर ने यह भी कहा कि जिस तरीके से सरकार किसानों पर अत्याचार कर रही है और किसानों को आतंकवादी व खालिस्तानी बताया जा रहा है, उसकी हम घोर निंदा करते हैं। किसानों की मांगों को जल्द से जल्द माना जाए। साथ ही उन्होंने कहा आने वाले समय में उत्तराखंड में भी किसान एकजुट होकर आंदोलन में शामिल होंगे।