शहर में हुए ब्लास्ट मामले में 13 सालों की लंबी लड़ाई के बाद शुक्रवार को अदालत ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया
अहमदाबाद। शहर में हुए ब्लास्ट मामले में 13 सालों की लंबी लड़ाई के बाद शुक्रवार को अदालत ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। मुकदमे को लेकर पूरे देश की निगाहें अदालत के फैसले लगी हुई थीं।
अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाया गया। अदालत ने इस मामले के 38 दोषियों को फांसी और 11 को उम्रकैद की सजा सुनाई। 8 फरवरी को सिटी सिविल कोर्ट ने 78 में से 49 आरोपियों को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत दोषी करार दिया था। लेकिन, इनमें से एक अभियुक्त अयाज सैयद को जांच में मदद करने के आरोप में बरी किया जा चुका है। अन्य 29 भी सबूतों के अभाव में बरी हो चुके हैं।
मुकदमे का निर्णय सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि इन धमाकों में मारे गए लोगों के परिजनों को एक लाख, गंभीर घायलों को 50 हजार और मामूली घायलों को 25 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी। गौरतलब है कि 26 जुलाई 2008, यही वह दिन था जब 70 मिनट के दौरान 21 बम धमाकों ने अहमदाबाद को हिलाकर रख दिया। शहर भर में हुए इन धमाकों में कम से कम 56 लोगों की जान गई, जबकि 200 लोग घायल हुए थी। धमाकों की जांच कई साल चली और करीब 80 आरोपियों पर मुकदमा चलाया गया। इस मामले में पुलिस ने अहमदाबाद में 20 प्राथमिकी दर्ज की थीं, जबकि सूरत में 15 अन्य प्राथमिकी दर्ज की गई थीं, जहां विभिन्न स्थानों से भी जिंदा बम बरामद किए गए थे। अदालत के इस फैसले को देश और इंसानियत के खिलाफ काम करने वाले तत्वों के लिए सख्त चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।