जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय को कतिपय पुस्तक विक्रेताओं की मनमानी के सम्बन्ध में शिकायतें प्राप्त हो रही थीं,
हरिद्वार। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय को कतिपय पुस्तक विक्रेताओं की मनमानी के सम्बन्ध में शिकायतें प्राप्त हो रही थीं, जिसका संज्ञान लेते हुये उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी को, पब्लिक स्कूलों से सम्बन्धित पुस्तकों की उपलब्धता, विक्रेताओं द्वारा अभिभावकों को किताबों का पूरा सैट दिये जाने हेतु बाध्य तो नहीं किया जा रहा है, किताबों के साथ कापी व अन्य स्टेशनरी सामग्री कय किये जाने के लिए बाध्य तो नहीं किया जा रहा है आदि बिन्दुओं पर औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिये थे।
जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में आज शिक्षा विभाग के जिला स्तर एवं विकास खण्ड स्तरीय अधिकारियों की टीमों ने जनपद हरिद्वार के 42 पुस्तक विक्रेताओं की दुकानों का औचक निरीक्षण किया।
मुख्य शिक्षा अधिकारी श्री के0के0 गुप्ता ने औचक निरीक्षण के सम्बन्ध में बताया कि निरीक्षण के दौरान शिक्षा विभाग की टीम को पुस्तक बिक्रेताओं द्वारा बताया गया कि अभिभावकों द्वारा जैसे ही पुस्तक की मांग की जाती है, तो मांग प्राप्त होने पर तीन दिन के अन्तर्गत पुस्तकें उपलब्ध करा दी जा रही हैं। कतिपय पुस्तक विक्रेताओं द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि सत्रारम्भ में पर्याप्त संख्या में उनके पास पुस्तके उपलब्ध नहीं थी। अतः उनके द्वारा पूरा सैट क्रय करने वाले अभिभावकों को प्राथमिकता प्रदान की गई, किन्तु वर्तमान में पर्याप्त पुस्तकें उपलब्ध है, अतएव अभिभावक अपनी इच्छानुसार जो पुस्तक चाहें क्रय कर सकते हैं।
मुख्य शिक्षा अधिकारी ने यह भी बताया कि पुस्तक विक्रेताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि अभिभावकों को उनकी इच्छा के अनुसार जो पुस्तकें मांगी जायें, उपलब्ध करायी जायें। अन्यथा की स्थिति में नियमानुसार पुस्तक विक्रेताओं के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई विद्यालय किसी पुस्तक विक्रेता विशेष रूप से पुस्तक क्रय किये जाने हेतु बच्चों या अभिभावकों को बाध्य करता है, तो उस विद्यालय पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। इस सम्बंध में विभाग द्वारा सभी विद्यालयों को पूर्व में भी निर्देश जारी किये जा चुके हैं।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिये हैं कि यदि पुस्तक विक्रेता अथवा कोई निजी विद्यालय निर्देशों के विरुद्ध कार्यों में संलिप्त पाया जाता है, तो उनके विरुद्ध तत्काल सख्त से सख्त कार्यवाही की जाये।