तराई का प्रसिद्ध अटरिया मेला विवादों में घिरा
ंरुद्रपुर। तराई क्षेत्र का प्रसिद्ध अटरिया मेला विवादों में घिर गया है।मेला समिति ने मंहत पर चढ़ावे में आने वाले पैसे के दुरूपयोग करने के साथ ही कई अन्य गंभीर आरोप लगा एडीएम से मिलकर मेले की जमीन का चिन्हकरण कराने के साथ मंदिर में रिसीवर नियुक्त की मांग की है। मंगलवार को मेला सामिति के आधा दर्जन पदाधिकारी व समाजसेवी कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने एडीएम से मुलाकात कईं उन्हें ज्ञापन सौपा। समिति के लोगों कहना था कि अटरिया मंदिर मेले में प्रतिवर्ष 20 से 25 लाख तक का चढ़ावा व दुकानों से किराया वसूल किया जाता है। मंदिर से अन्य दिनों में भी काफी चढावा आता है। आरोप है कि अपने आपको मंदिर का मंहत कहने वाले पूरा पैसा अपने परिवार कर खर्च कर देती है। मेले के विकास में खर्च नही किया जाता है। लोगों ने मांग की मेला समिति को पूर्व की भांती मेला संचालन की अनुमति देने के साथ भय का महौल पैदा करने वाले पर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने एडीएम से मंदिर की जमीन का सीमाकन करने, मंदिर में रिसीवर निकर करने व शांती व्यवस्था के तहत पुलिस फोर्स तैनात करने की भी मांग की है। एडीएम से मिलने वालों में मेला समिति के किशन सुखीजा, पुरुशोत्तम आरोरा, राधेश शर्मा, पूर्व सभासद रामवावू समेत अन्य लोग मौजूद थे। इधर एडीएम ने उक्त लोगों को जांच का आश्वासन दिया।
महंत ने आरोपों को बताए निराधार
अटरिया मेले की महंत ने उन पर पुत्र पर लगाए आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि शिकायत करने वालों की शिकायत में कोई दम नहीं है। उन लोगों को मेले शामिल न करने पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।