सभ्यता फाउंडेशन ने `एडाप्ट ए हेरिटेज 2.0’ पहल के तहत भारत के चार ऐतिहासिक स्मारकों का जिम्मा लिया
देहरादून- l: भारत की सांस्कृतिक धरोहर के प्रोत्साहन व संरक्षण को समर्पित अलाभकारी कंपनी सभ्यता फाउंडेशन को सरकार की एडाप्ट ए हेरिटेज 2.0 परियोजना के तहत भारत के चार प्रतिष्ठित स्मारकों की देख-रेख व प्रोत्साहन का कार्य सौंपा गया है। अंगीकृत स्मारकों में राजधानी के हृदयस्थल में स्थित पुराना किला, हुमांयू का मकबरा, सफदरजंग मकबरा और मेहरौली पुरातात्विक पार्क शामिल हैं। संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्थान (एएसआई) द्वारा शुरु की गयी इस पहल का उद्देश्य निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के साथ सहभागिता कर केंद्रीयकृत संरक्षित स्मारकों व स्थलों में सुविधाएं उपलब्ध व विकसित करना है। इस विशेष घोषणा के लिए आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर श्री एस जयशंकर, मा. विदेश मामलों के मंत्री, भारत सरकार व अन्य गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
‘स्मारक सारथी’ के तौर पर सभ्यता फाउंडेशन इन चार धरोहर स्थलों पर आगंतुकों के अनुभव को समृद्ध बनाने का जिम्मा उठाएगी और इन्हें अवश्य जाने योग्य गंतव्य के तौर पर स्थापित करेगी। इसके प्राथमिक उद्देश्यों में शामिल रहेगा आगंतुकों की संख्या बढ़ाना, सुविधाओं का विस्तार और स्वच्छता, पहुंच, सुरक्षा व जानकारी देने पर ध्यान देते हुए लोगों को अविस्मरणीय अनुभव प्राप्त कराना।
सचिव, संस्कृति मंत्रालय, श्री गोविंद मोहन ने अपने विचार साझा करते हुए कहा: हमारे”सम्मानित प्रधानमंत्री के ‘विरासत भी, विकास भी’ के विजन के साथ, यह पहल हमारी भारतीय विविध धरोहर को संरक्षित रखने के लिए हमारे संयुक्त प्रयासों की प्रतिबद्धता को प्रतिस्थापित करती है, जो सरकार, कॉर्पोरेट और नागरिकों को हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की रक्षा में जोड़ती है। सभ्यता फाउंडेशन द्वारा इन चार स्मारकों का अंगीकरण ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ की भावना को प्रतिष्ठित करता है, जो शानदार धरोहर को सराहना के एक नए युग की ओर ले जा रहा है।”
विभिन्न अवसरों पर सभ्यता फाउंडेशन के साथ सहभागिता करने वाले लाल किले के मौन्यूमेंट मित्र एवं डालमिया भारत के एमडी एवं सीईओ श्री पुनीत डालमिया ने इस अवसर पर कहा, ”
स्मारक और सांस्कृतिक स्थल एक राष्ट्र की पहचान का केंद्र होते हैं, जो न केवल भूतकाल के अवशेष के रूप में, बल्कि हमारी समृद्ध विरासत के प्रतीक के रूप में उसके इतिहास और विरासत को आकार देते हैं। लाल किले में हमारे काम के सहयोगी के रूप में, सभ्यता फाउंडेशन ने अविस्मरणीय अनुभव बनाने में शानदार काम किया है। मैं उन्हें उनके भविष्य के कार्यों के लिए सर्वोत्तम शुभकामनाएँ देता हूँ।”
महानिदेशक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्थान, श्री यदुबीर सिंह रावत ने कहा कि
, “एडॉप्ट ए हेरिटेज 2.0 की शुरुआत 2017 में शुरु किए गए पहले दौर की सफलता के बाद किया गया है। लाल किला एक शानदार उदाहरण है कि कैसे हमने तकनीक और आधुनिकता को जोड़कर अपने धरोहर स्थलों के अनुभवों को उन्नत किया है। हालांकि, हमारे पास इस तरह के 4000 धरोहर हैं जिन्हें इस तरह के प्रयासों की आवश्यकता है और हमें निजी संस्थाओं से सहयोग की आवश्यकता है ताकि राष्ट्रीय सांस्कृतिक खजाने भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बने रह सकें। हम उनके निरंतर समर्थन और प्रोत्साहन के लिए संस्कृति मंत्रालय के आभारी हैं।”
सीईओ, एचईजी लिमिटेड व सभ्यता फाउंडेशन के बोर्ड सदस्य, श्री रवि झुनझुनवाला ने कहा
“सभ्यता फाउंडेशन भारत की सांस्कृतिक और विरासत पारिस्थितिकी को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है और भारतीय विरासत, कला, वास्तुकला और संस्कृति के विश्वस्त संग्रहों का विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करने के लिए समर्पित है। हम अपनी टीम को और भी मजबूत कर रहे हैं, जिसमें उत्साही और सफल व्यक्तियों का मजबूत सलाहकार मंडल शामिल है: श्री नकुल आनंद, पूर्व कार्यकारी निदेशक, आईटीसी ने सलाहकार मंडल के अध्यक्ष के रूप में शामिल होने के लिए सहमति दी है; श्रीमती अवंतिका डालमिया, अवनि फाउंडेशन की अध्यक्ष, सह अध्यक्ष के रूप में हमारे साथ शामिल हो गई हैं, श्रीमती वास्वी भरत राम, श्रीराम स्कूल समूह की संयुक्त उपाध्यक्ष और श्रीमती अवर्णा जैन, सारेगामा इंडिया लिमिटेड बोर्ड की वाइस चेयरमैन हमारे सम्मानित सदस्य के रूप में शामिल हो गई हैं।”
“सभ्यता फाउंडेशन की पुराना किले की योजना में आने वाले लोगों के अनुभवों को इस स्थल के ऐतिहासिक महत्व को शोध आधारित दस्तावेजों से समझाते हुए समृद्ध करना शामिल है। इस योजना में एक लाइट एंड साउंड शो, खुदाई में प्राप्त इतिहास के विभिन्न कालखडों की कलाकृतियों को प्रदर्शित करने वाला म्यूजियम और एक सोवेनियर शॉप शामिल है।
फाउंडेशन इस स्थल पर सालभर गतिविधियों का आयोजन करेगी और सांस्कृतिक मंत्रालय और एएसआई के सघन सहयोग के साथ प्रामाणिक शोध, विशेषज्ञों और ऐतिहासिक वस्तुओं तक पहुंच बनाए रखेगी। ‘भारतीय प्राचीन अन्न’ थीम के इर्दगिर्द रणनीतिक स्थलों पर खान-पान का अनुभव दिलाया जाएगा। हेरिटेज वॉक और इंटरएक्टिव डिस्प्ले नैरेटिव को और भी समृद्ध करेगी। आने वाले समय में अन्य तीन स्मारकों के लिए योजनाओं का खुलासा किया जाएगा।