श्री सत्य साईं संजीवनी हॉस्पिटल्स ने “गिफ़्ट ऑफ़ लाइफ़” कार्यक्रम के ज़रिये 30,000 बच्चों की निःशुल्क हार्ट सर्जरी पूरी की

 
 

देहरादून : : महाराष्ट्र के मुंबई; छत्तीसगढ़ के रायपुर; और हरियाणा के पलवल में स्थित श्री सत्य साईं संजीवनी हॉस्पिटल्स ने “गिफ़्ट ऑफ़ लाइफ़” कार्यक्रम के तहत 30,000 बच्चों की निःशुल्क हार्ट सर्जरी एवं इलाज की प्रक्रिया के सफलतापूर्वक पूरा होने का जश्न मनाया। इस अवसर पर अस्पताल के अध्यक्ष, डॉ. सी. श्रीनिवास और ट्रस्टी एवं भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान, श्री सुनील गावस्कर ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। मुंबई, रायपुर और पलवल में स्थित श्री सत्य साईं संजीवनी हॉस्पिटल्स में यह कार्यक्रम आयोजित कि गई।

 

आर्थिक परेशानियों के बावजूद, श्री सत्य साई संजीवनी हॉस्पिटल्स में 30,000 बच्चों की निःशुल्क हार्ट सर्जरी एवं इलाज की प्रक्रिया का पूरा होना, सही मायने में देश भर में दिल की बीमारियों से जूझ रहे बच्चों को बेहद जरूरी चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध कराने के उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। भारत जैसे देश में किसी बच्चे की दिल की बीमारी सिर्फ उसके इलाज से जुड़ी परेशानी नहीं है बल्कि यह उनके परिवार के लिए आर्थिक बोझ भी है, और ऐसे हालात के बीच अस्पताल की इस कोशिश में एक नई उम्मीद और इंसानियत की झलक दिखाई देती है।

 

श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल की ओर से श्री सत्य साईं संजीवनी स्वास्थ्य-सेवा कौशल विकास संस्थान में भारत के पहले निःशुल्क स्वास्थ्य देखभाल कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम की भी शुरुआत की गई है, जहां 10वीं या 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए एक साल के कार्यक्रम की पेशकश की जाती है, और इसकी फंडिंग की व्यवस्था भी संस्थान द्वारा की जाती है। यह कार्यक्रम स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में मेडिकल और सर्जिकल असिस्टेंट के साथ-साथ कुशल स्वास्थ्य सेवाकर्मियों की मांग पर केंद्रित है, जिसमें तकनीकी प्रशिक्षण के अलावा कौशल विकास एवं व्यक्तित्व विकास में भी छात्रों की सहायता की जाती है। इस तरह, यह देश भर के ग्रामीण युवाओं, खास तौर पर सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों के ग्रामीण युवाओं का आत्मविश्वास बढ़ाने और उन्हें सक्षम बनाने वाला कार्यक्रम है।

 

श्री सत्य साईं स्वास्थ्य एवं शिक्षा ट्रस्ट के अध्यक्ष, डॉ. सी. श्रीनिवास ने 30,000 सर्जरी पूरी होने की घोषणा करते हुए कहा, “आज दुनिया भर में जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों की 30,000 कहानियाँ श्री सत्य साईं संजीवनी से जुड़ गई है। जिसकी शुरुआत 12 साल पहले एक अस्पताल के रूप में हुई थी, वह आज समाज में बदलाव लाने वाला आंदोलन बन चुका है जो लगातार देश की सेवा कर रहा है। ये बच्चे श्री सत्य साईं संजीवनी के माध्यम से प्राप्त निःस्वार्थ प्रेम की विरासत को आगे बढ़ाते हुए विकसित भारत में योगदान देने वाले नागरिक बनेंगे।”

 

श्री सत्य साईं स्वास्थ्य एवं शिक्षा ट्रस्ट के अध्यक्ष, डॉ. सी. श्रीनिवास ने आगे कहा, “मुझे 10वीं या 12वीं कक्षा पूरी करने वाले छात्रों के लिए हमारे कौशल विकास संस्थान में पूरी तरह से मुफ्त एक साल का कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा करते हुए भी बेहद खुशी हो रही है। यह कार्यक्रम छात्रों को स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में शिक्षित-सशक्त और रोजगार योग्य बनाएगा, जिसमें स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में मेडिकल और सर्जिकल असिस्टेंट के साथ-साथ कुशल स्वास्थ्य सेवाकर्मियों की मांग काफी अधिक है। यह स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में ग्रामीण युवाओं को कुशल बनाकर राष्ट्र निर्माण की पहल है।”

 

महान क्रिकेटर और श्री सत्य साईं स्वास्थ्य एवं शिक्षा ट्रस्ट के ट्रस्टी, श्री सुनील गावस्कर ने श्री सत्य साईं संजीवनी में सैकड़ों हार्ट सर्जरी को प्रायोजित किया है और वे उम्मीद की कहानियों को आगे बढ़ाते हुए इस नेक काम के ब्रांड एंबेसडर हैं। इस उपलब्धि पर विचार साझा करते हुए उन्होंने कहा, “मैं इसे अपने जीवन की तीसरी और सबसे संतोषजनक पारी मानता हूँ, क्योंकि श्री साईं संजीवनी हॉस्पिटल्स में पूरी तरह से निःशुल्क सर्जरी के ज़रिये इन बच्चों को एक नया और सेहतमंद भविष्य मिल रहा है। ये बच्चे भविष्य में सफल खिलाड़ी/महिला खिलाड़ी, कलाकार या लीडर बन सकते हैं। सभी लोगों से मेरी गुज़ारिश है कि वे बदलाव लाने के इस सफर का हिस्सा बनें।”

 

भारत में हर साल 300,000 से अधिक बच्चे दिल की बीमारियों के साथ पैदा होते हैं, जो शिशु मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण बना हुआ है, और अक्सर इसका इलाज ज्यादातर लोगों की पहुंच से दूर होता है। इनमें से लगभग 50,000 शिशुओं को जन्म के पहले साल के भीतर ही तुरंत इलाज की जरूरत होती है। श्री सत्य साईं संजीवनी हॉस्पिटल्स की 30,000 बच्चों की निःशुल्क सर्जरी एवं इलाज करने की उपलब्धि सिर्फ एक कीर्तिमान नहीं है: बल्कि 30,000 ऐसे बच्चों की दास्तान है जिनका बचपन लौट आया है और उनके परिवार को सुकून मिला है। दान देने वाले लोगों की नेकदिली और कर्मचारियों के समर्पण से प्रेरित इस अस्पताल ने देश के 30 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा पूरी दुनिया के 18 देशों में बच्चों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। उनकी ‘नि:शुल्क’ चिकित्सा सेवा परिवारों के लिए गंभीर आर्थिक परेशानी को दूर करती है, जिसमें ऑपरेशन से पहले से लेकर बाद तक हर कदम पर पूरी सहायता दी जाती है। बेहद कुशल चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता के अलावा, यह अस्पताल हर कार्य में प्रेम की भावना का प्रतीक है, जो सच्चे नाते को बढ़ावा देता है और दिल की बीमारियों को ठीक करने के साथ-साथ पूरे परिवार को खुशी का तोहफ़ा देता है।